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बासुकिनाथ और दुमका सहित नौ स्टेशनों पर लगेंगे ट्रेन डिटेक्शन सिस्टम, 23.41 करोड़ की मिली मंजूरी

आसनसोल रेल मंडल के नौ स्टेशनों पर मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर (एमएसडीएसी) एक उन्नत ट्रेन डिटेक्शन सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है.

देवघर :

आसनसोल रेल मंडल के नौ स्टेशनों पर मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर (एमएसडीएसी) एक उन्नत ट्रेन डिटेक्शन सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है. यह सिस्टम रेलवेसिग्नलिंग की संरक्षा और समय की पाबंदी बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती है. ट्रेन ट्रैक सेक्शन के दोनों सिरों पर लगे सेंसर से गुजरती है, तो यह सिस्टम ट्रेन के एक्सल की गिनती करता है, जिससे यह पता चलता है कि ट्रैक सेक्शन खाली है या व्यस्त. इससे सिग्नल की समस्या या फिर एक ट्रैक पर दो ट्रेनों के आने की स्थिति में रेल दुर्घटनाओं को रोकने में कारगर साबित होगा. यह डिजिटल तकनीक पर आधारित है, जो इसे चुनौतीपूर्ण मौसम में भी बेहद विश्वसनीय बनाती है. आसनसोल मंडल के नौ स्टेशनों कुल्टी, बराकर, कुमारधुबी, मुगमा, थापरनगर, कालूबथान, छोटाअंबाना, बासुकिनाथ और दुमका में एमएसडीएसी को लागू करने के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. इस परियोजना की कुल लागत 23.41 करोड़ आंकी गयी है. इन स्टेशनों पर एमएसडीएसी की तैनाती से मंडल की सिग्नलिंग प्रणाली की विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार होगा. इसके अलावा, स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग कार्य के हिस्से के रूप में खाना-अंडाल और सीतारामपुर-छोटा अंबाना के बीच ब्लॉक सेक्शनों में दोहरे मोड वाले एमएसडीएसी के प्रावधान के लिए 44.59 करोड़ की लागत से एक अन्य परियोजना को मंजूरी दी गयी है. बताया गया कि, यह सिस्टम आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम जैसे केंद्रीकृत ट्रैफिक नियंत्रण के साथ भी संगत है, जो इसे भविष्य की रेलवे तकनीकों के लिए अनुकूल बनाता है. ट्रेन की स्थिति का सटीक पता लगाकर, एमएसडीएसी सिग्नलिंग विफलताओं के जोखिम को काफी कम कर देता है, जिससे रेल संचालन की समग्र संरक्षा बढ़ जाती है. पूर्व रेलवे का आसनसोल मंडल, मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर तकनीक की शुरुआत के साथ अपने रेलवे बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए तैयार है. एमएसडीएसी एक अत्याधुनिक प्रणाली है. इसका उपयोग पटरियों पर ट्रेन की उपस्थिति या अनुपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है. यह सेक्शन में ट्रेनों के प्रवेश करने और छोड़ने वाली ट्रेन के एक्सल की गिनती करने का काम करता है, जिससे सुरक्षित और कुशल ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण डेटा मिलता है. इससे ट्रेन की दुर्घटना पूरी तरह से बंद हो जायेगी.

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