श्रीमद् भागवत कथा में रास महोत्सव, रुक्मिणी विवाह व कंस वध के प्रसंग का वर्णन
मधुपुर के पंच मंदिर के हनुमान मंदिर प्रांगण में आयोजन
मधुपुर. शहर के पंच मंदिर स्थित हनुमान मंदिर के प्रांगण में चल रहे भागवत कथा के छठवें दिन रविवार को भगवान श्री कृष्ण के रास महोत्सव, रुक्मिणी हरण, विवाह व कंस वध की कथा का वाचन कथा वाचक विजय कुमार पांडे ने किया. उन्होंने बड़े ही आकर्षक रूप से उपस्थित स्रोताओं को कथा सुनायी. इस दौरान विवाह गीत सुनकर श्रोता झूम उठे. कथावाचक ने श्री कृष्ण के उन रूपों को भी श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया जिस पर बड़े-बड़े ऋषि महर्षि भी आश्चर्य करते है. भगवान श्रीकृष्ण ने कब अपने आप को 16 कलाओं में ढाल लिया, कभी तो वह गोपियों के साथ रासलीला करते देखे गये तो कभी सीधे परम ब्रह्म परमेश्वर के रूप में दिखाई पड़ने लगते हैं. कथावाचक ने गीता के श्लोक का भी बड़ा ही सरल और सुंदर वर्णन कर यह बताया कि गीता और श्रीकृष्ण के उपदेश हमारे दैनिक जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण है. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे.
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