हर साल बचत में न्यूनतम 10 फीसदी की वृद्धि करें, एजेंटों की सलाह पर कमाई को नहीं करें निवेश
मुख्य वक्ता ने कहा : एक निवेशक को पहले सोचना चाहिए और पर्याप्त जीवन बीमा, उचित चिकित्सा बीमा कवर और एक आपातकालीन निधि सुनिश्चित करना चाहिए, जो कि निरंतर निवेश के माध्यम से धन सृजन की यात्रा शुरू करने से पहले समृद्धि के लिए सबसे आवश्यक है.
वेबिनार में वित्तीय शिक्षा : नयी शिक्षा नीति के तहत जीवन शैली पर विस्तृत चर्चा, मुख्य वक्ता एएमएफआइ के वरिष्ठ सलाहकार सूर्यकांत शर्मा ने कहा संवाददाता, देवघर एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआइ), अनुचिंतन फाउंडेशन, खगड़िया व एएस कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग की ओर से ””वित्तीय शिक्षा : नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत एक जीवन शैली”” विषय पर संयुक्त रूप से निवेशक जागरुकता वेबिनार का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ ईश्वरचंद ने किया. एएस कॉलेज के अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल ठाकुर ने बताया कि बचत करना अति आवश्यक है, लेकिन उससे भी ज्यादा आवश्यक है बचाये गये पैसे को सही समय पर सही जगह लगाना. मुख्य वक्ता एएमएफआइ के वरिष्ठ सलाहकार सूर्यकांत शर्मा ने वित्तीय सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि एक निवेशक को पहले सोचना चाहिए और पर्याप्त जीवन बीमा, उचित चिकित्सा बीमा कवर और एक आपातकालीन निधि सुनिश्चित करना चाहिए, जो कि निरंतर निवेश के माध्यम से धन सृजन की यात्रा शुरू करने से पहले समृद्धि के लिए सबसे आवश्यक है. उन्होंने नियमित बचत और हर साल बचत में न्यूनतम 10 प्रतिशत की वृद्धि की बात कही. उन्होंने जोर दिया कि निवेशकों को धन संचयकर्ता नहीं, बल्कि धन निर्माता होना चाहिए, जो उनके जीवन को सहज बना देगा. उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दी कि उन्हें वास्तविक रिटर्न पर ध्यान देना चाहिए, न कि काल्पनिक रिटर्न पर. उन्होंने प्रतिभागियों को आगाह किया कि सरकारी फर्म को छोड़कर अधिकांश निवेशों में जोखिम होता है. सोचें, समझें और निवेश करें. वेबिनार में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) पर एक सत्र हुआ. विभिन्न सत्रों के बाद प्रतिभागियों के लिए एक प्रश्न उत्तर सत्र रखा गया, जिसमें प्रतिभागियों ने व्यक्तिगत वित्त पर बहुत सारे प्रश्न पूछे. जिनका विशेषज्ञों द्वारा उत्तर दिया. डॉ शोभा रानी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. वेबिनार में करीब 250 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. बाजार में उपलब्ध विभिन्न निवेशों पर भी चर्चा एएमएफआइ के वरिष्ठ सलाहकार ने निवेशकों को अपनी मेहनत का निवेश करना चाहिए. अपने जोखिम की भूख और निवेश की समय सीमा के अनुसार पैसा कमायें. सामान्य निवेशक को सीधे प्रतिभूति बाजार में प्रवेश न करने की चेतावनी दी. इसके बजाय म्यूचुअल फंड सामान्य निवेशक के लिए उपलब्ध सर्वोत्तम विकल्प है. जिसमें वह एसआइपी के माध्यम से न्यूनतम 500 रुपये की राशि का निवेश कर सकता है. उन्होंने प्रतिभागियों को आगाह किया कि वे एजेंटों सहित दूसरों की सलाह पर अपनी मेहनत की कमाई का निवेश नहीं करें, जो शुरुआत में उच्च और त्वरित रिटर्न का आश्वासन देते हैं.
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