देवघर में ममता वाहन चलाने में नहीं दिखा रहे दिलचस्पी, कैसे मिलेगी सुविधा

देवघर जिला में पंजीकृत 38 ममता वाहनों में 12 ममता वाहनों का ही परिचालन हो रहा है. इससे गर्भवती महिलाओं को लाभ नहीं मिल पा रहा है. विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी थी, लेकिन इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 9, 2022 10:28 AM

Deoghar News: राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने तथा महिलाओं को सुरक्षित प्रसव लिए अस्पताल तक पहुंचाने तथा गर्भवती महिला व शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए ममता वाहन की सुविधा दी जा रही है. हालांकि इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. जिला में पंजीकृत 38 ममता वाहनों में 12 ममता वाहनों का ही परिचालन हो रहा है. इससे गर्भवती महिलाओं को लाभ नहीं मिल पा रहा है. विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी थी, लेकिन इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है.

तीन प्रखंडों में एक भी ममता वाहन पंजीकृत नहीं

जिले में ममता वाहन के लिए 38 वाहन रजिस्टर्ड हैं, लेकिन इनमें से मात्र 12 ममता वाहन ही संचालित हो रहे हैं. इसमें बोलेरो, सुमो, स्कॉर्पियो और मारुति वैन शामिल हैं, जो जसीडीह, देवीपुर, मोहनपुर, सारवां, मधुपुर और पालोजोरी क्षेत्र के हैं. वहीं सारठ, करौं और मारगोमुंडा प्रखंड क्षेत्र में एक भी ममता वाहन पंजीकृत नहीं है.

सदर अस्पताल में कॉल सेंटर संचालित

ममता वाहन का संचालन के लिए विभाग की ओर से सदर अस्पताल में कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है. इस कॉल सेंटर के संचालन के लिए विभाग की ओर से चार स्टाफ की प्रतिनियुक्ति की गयी है. ताकि जिले में गर्भवती महिलाओं को ममता वाहन की सुविधा मिल सके. साथ ही इस सेंटर का नंबर भी जारी किया गया है. यहां प्रतिदिन 30 से 40 कॉल आते है. यह कॉल क्षेत्र की सहियाओं की ओर से किये जाते हैं. इसके बाद कॉल सेंटर से ममता वाहन को भेजा जाता है.

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स्थान- पंजीकृत ममता वाहन -चल रहे

  • जसीडीह -01- 01

  • सारवां- 01- 00

  • सोनारयठाड़ी- 00- 00

  • सारठ- 00- 00

  • मोहनपुर- 02- 01

  • मधुपुर- 06- 02

  • मारगोमुंडा- 00- 00

  • देवीपुर- 03- 03

  • पालोजोरी- 25- 05

एक ही तरफ का दिया जा रहा किराया

विभाग के अनुसार, पहले ममता वाहन के मालिकों को अपने घर से मरीज के घर जाने तथा मरीज के घर से अस्पताल तक पहुंचाने तथा वापस मरीज को घर जाने तक के किराया दिया जाता था. इसमें 300 प्रति छह किलोमीटर तक इसके बाद प्रति किलोमिटर 10 रुपये दिया जाता था. लेकिन अब ममता वाहन संचालक के एक तरफ का किराया दिया जा रहा है. इसमें मरीज को उसके घर से उठाकर अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 300 रुपये में छह किलोमिटर तक किमी बढ़ने पर 10 रुपये प्रति किलोमीटर दिया जा रहा है. ऐसे में वाहन चालक वाहन नहीं चलाना चाह रहे हैं.

कहते हैं अधिकारी

सिविल सर्जन से इस संबंध में विस्तृत जानकारी ली जायेगी, समझौते में क्या है. इसके बाद कुछ निर्णय लिया जायेगा. मरीजों को सुविधा मिले इसकी व्यवस्था की जायेगी.

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