नाले से निकाले गये कचरे का नहीं होता उठाव, समय और पैसों की बर्बादी
नगर निगम के सफाई कर्मी नाले में जमा कचरे को बाहर निकालते हैं, मगर उठाव नहीं होने से वही कचरा फिर नाले में चला जाता है. इससे निगम के सफाईकर्मियों को एक ही नाले के कचरे को बार-बार निकालना पड़ता है.
संवाददाता, देवघर:
आपसी समन्वय की कमी के कारण नगर निगम के समय और पैसों की बर्बादी तो हो ही रही है, निगम क्षेत्र के लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है. नगर निगम के सफाई कर्मी नाले में जमा कचरे को बाहर निकालते हैं, मगर उठाव नहीं होने से वही कचरा फिर नाले में चला जाता है. इससे निगम के सफाईकर्मियों को एक ही नाले के कचरे को बार-बार निकालना पड़ता है. इससे रास्ते पर चलने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है और दुर्गंध से लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. नाले से कचरा निकालने के दिन ही निगम की सफाई गाड़ी से सड़क किनारे कचरे का उठाव कर लेना चाहिए. इससे जनता को भी एक ही काम के लिए बार-बार निगम का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा. राहगीरों को भी आवागमन में दिक्कत होती है. नगर निगम से कचरे का समय पर उठाव के लिए वरीय सफाई निरीक्षक व सभी वार्ड जमादारों को तेल का पैसा दिया जाता है. इसके बाद भी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसमें समय और पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है