कॉन्फ्रेंस में जुटे झारखंड, बिहार व बंगाल के शायर, मखमली आवाज में पेश किया नाते पाक

मधुपुर के पथलचपटी स्थित एमएलजी उच्च विद्यालय मैदान में शहंशाह-ए- बगदाद कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें शायरों ने नाते पाक पेश किया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 15, 2024 8:28 PM

मधुपुर. शहर के पथलचपटी स्थित एमएलजी उच्च विद्यालय मैदान में मौलाना अजहर कादरी सकाफी, सचिव अल्लामा अरशद उल कादरी फाउंडेशन के तत्वावधान में शंहशाह- ए- बगदाद कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में झारखंड, बिहार व बंगाल के उलमा- ए- कराम व शायरों ने हिस्सा लिया. कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता हजरत मौलाना अजमल नूरी हेड मौलवी मदरसा सिराजुल इस्लाम ने किया व मंच का संचालन बंगाल कोलकाता से आये मौलाना हलीम हाजी ने किया. कॉन्फ्रेंस की शुरुआत कुराने पाक की तिलावत से की गयी. इसके बाद बारी-बारी शायरों ने अपनी सुनहरी आवाज और अंदाज से लोगों को नाते पाक व मकब़त से झूमते रहे. शायर हबीबुल्लाह फैजी, दिलकश रांचीवी, जावेद अख्तर फैजी, मौलाना साजिदुल कादरी, गुलाम मुस्तफा आदि शामिल हुए. इसके अलावा मौलाना यासीन फैजी, मौलाना मुफ्ती परवेज आलम मिस्बाही, मौलाना अजमल नूरी, मौलाना खुर्शीद आलम मिस्बाही, मौलाना मुबाशीरुल इस्लाम नूरी ने भी कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. मौके पर बसपा के विधानसभा प्रभारी सह पूर्व नप उपाध्यक्ष जियाउल हक टार्जन, काशिफ अयूबी, मौलाना अब्दुल अजीज, जियाउर रहमान सोनू, मो. वसीम, शमशेर आलम, मंटू अंसारी, मो. असलम, परवेज आलम, गुड्डू आदि लोग मौजूद थे.

भाइचारे पर है दुनिया के सारे धर्मों की बुनियाद : मौलाना शहिरयार रजा

कांफ्रेंस में पूर्णिया बिहार से आये हजरत मौलाना शहिरयार रजा खान ने कहा कि एक इंसान समाज में पैदा होता है और इसी में जीता मरता है. अरस्तु ने इसे एक सामाजिक जानवर कहा है. उन्होंने कहा मां की आगोश से लेकर मिट्टी की आगोश तक इसका जीवन समाज के विभिन्न क्षेत्र व राबतों में जकड़ा हुआ है. इनको तोड़कर वह इंसान की तरह जीवन बसर नहीं कर सकता. कहा कि दुनिया के सारे धर्मों ने अपनी बुनियाद भाईचारे पर रखी है. इस्लाम ने तो एक तौर पर भाईचारा की अहमियत इबादत से भी बढ़ा दी है. उन्होंने कहा इस्लाम की रवैया का अंदाजा इस इतिहास हकीकत से किया जा सकता है कि इसने नेकी और अमल कि पाकीजगी के अलावा इंसानों के दरम्यान फर्क और भेदभाव के सभी पुराने तसवारात को खत्म कर दिया.

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