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Cyber Crime के खिलाफ पुलिस का लगातार अभियान, देवघर में सितंबर माह तक 239 Cyber Criminals गिरफ्तार

देवघर में साइबर क्रिमिनल्स पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है. इसी का नतीजा है कि सितंबर माह तक पुलिस ने 239 साइबर क्रिमिनल्स को गिरफ्तार किया, वहीं साइबर थाना में 69 मामले दर्ज हुए.

By Samir Ranjan | October 17, 2022 6:20 PM

Jharkhand Cyber Crime News: साइबर अपराध (Cyber Crime) पर अंकुश लगाने के लिए देवघर की साइबर थाने की पुलिस लगातार अभियान चला रही है. जिले की साइबर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस साल 20 सितंबर तक 263 दिनों में 239 साइबर क्रिमिनल्स को गिरफ्तार किया है. इन अपराधियों के खिलाफ साइबर थाना में 69 मामले दर्ज हैं.

कई सामान भी बरामद

पुलिस ने साइबर क्रिमिनल्स के पास से 389 मोबाइल, 750 सिम कार्ड, 99 एटीएम कार्ड, तीन पासबुक, पांच लैपटॉप, नौ दोपहिया वाहन, तीन चारपहिया वाहनों के साथ नकद 3,90,000 रुपयों के अलावा एक नोट गिनने की मशीन, एक पैन कार्ड, चार- इग्लू टैंट एवं एक अमेरिकन डॉलर भी बरामद किये हैं.

मोबाइल व सिम भेजा गया था I4C, पता लगाया लिंक

साइबर पुलिस ने गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से जब्त किये गये मोबाइल और सिम कार्ड को भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा गठित इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (Indian Cyber Crime Coordination Center- I4C) भिजवा कर उसका एनालाइसिस क्राइम लिंक प्राप्त किया. इसके बाद देवघर पुलिस ने संबंधित राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्राचार कर उनके यहां दर्ज कांड में रिमांड करवाने की दिशा में पहल की. यही वजह है कि अब तक कुल 48 साइबर क्रिमिनल्स को विभिन्न राज्यों की पुलिस उन्हें रिमांड पर ले गयी है. इसी बीच थाना की पुलिस साइबर अपराध से जुड़े 39 कांडों का निष्पादन अगस्त माह तक कर चुकी है.

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समन्वय तंत्र को मजबूत बनाने पर फोकस

साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ अभियान चलाने के लिए सभी प्रकार के समन्वय तंत्र को मजबूत बनाने पर फोकस किया गया. इसमें सभी सेवा प्रदाताओं, बैंक नोडल, इ-वॉलेट, डिजिटल वॉलेट के नोडल पदाधिकारी के साथ समय-समय संपर्क कर कानूनी तौर पर कार्रवाई की जा रही है.

जागरूकता अभियान ने तोड़ा अपराधियों का मनोबल

साइबर अपराध में लिप्त अपराधियों के खिलाफ चलाये गये साइबर जागरूकता अभियान ने जहां अपराधियों का मनोबल तोड़ा, वहीं सामाजिक सहयोग ने देवघर पुलिस को इस अभियान में काफी मदद की. प्रभावित क्षेत्रों में साइबर अपराध में लिप्त लोगों का सामाजिक बहिष्कार और माता-पिता के लिए जागरूकता अभियान काफी सफल रहा. पहले जहां साइबर अपराधियों के बचाव में घर वाले एवं ग्रामीण एकजुट हो जाते थे, वहीं आज पुलिस को साइबर क्रिमिनल्स की सूचनाएं देकर अपराध पर रोक लगाने में साथ दे रहे हैं.

साइबर सुरक्षा के नाम से यूट्यूब चैनल भी

साइबर पुलिस की ओर से लोगों को साइबर अपराध से बचाव एवं इसकी जागरूकता के लिए यूट्यूब चैनल चलाया जा रहा है. साइबर सुरक्षा के नाम से इस चैनल में लोगों को साइबर क्राइम से जुड़ी जरूरी जानकारियां उपलब्ध करायी जा रही है. इस चैनल से लगभग 07.31 लाख से अधिक लोग जुड़े हैं. देशभर के तकरीबन 1.80 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं.

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साइबर क्राइम के अनुपात में आयी कमी : साइबर डीएसपी

इस संबंध में साइबर डीएसपी सुमित प्रसाद ने कहा कि पहले के मुकाबले साइबर अपराध के अनुपात में काफी कमी आयी है. बड़े -बड़े साइबर क्रिमिनलों को आज देश के विभिन्न प्रांतों की पुलिस देवघर से रिमांड पर ले गयी है. इस वजह से साइबर अपराधियों पर प्रभाव पड़ा है. मगर अपराध को जड़ से खात्मे के लिए संसाधनों की आवश्यकता है. साइबर पुलिस की अपनी फोरेंसिक लैब होनी चाहिए. चीफ टेक्निकल ऑफिसर नियुक्त होने चाहिए. साइबर पुलिस के अपने स्पेशलाइज्ड एपीपी (लॉयर) होने चाहिए. जो अपने पक्ष को सही तरीके से रख सकें. इन सबके अलावा जरूरी मैन फोर्स की भी जरूरत है, ताकि साइबर पुलिस का मनोबल बढ़ सके.

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