100 माइक्रोन से कम के सभी पॉलीथिन खतरनाक, फिर हो धड़ल्ले से हो रहा इस्तेमाल
इंसान की सेहत व पर्यावरण के लिए काली पॉलीथिन सहित 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथिन बेहद खतरनाक हैं. नगर निगम प्रशासन द्वारा लगातार अभियान चलाने के बाद भी देवघर में इस पर प्रतिबंध नहीं लग रहा है.
संवाददाता, देवघर:
इंसान की सेहत व पर्यावरण के लिए काली पॉलीथिन सहित 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथिन बेहद खतरनाक हैं. नगर निगम प्रशासन द्वारा लगातार अभियान चलाने के बाद भी देवघर में इस पर प्रतिबंध नहीं लग रहा है. सब्जी मंडी, फल, किराना, मिठाई, दवाई दुकान, मुर्गा, मटन व मछली की दुकानों में इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. खरीदारी के लिए दुकानों पर जाने वाले लोग भी इसे स्वीकार भी कर रहे हैं. इसका उपयोग करने के बाद इस पॉलीथिन को चौक-चौराहों, कूड़ेदान, नालों में फेंक दिया जाता है. यह ना सिर्फ पर्यावरण के लिए प्रतिकूल है, बल्कि आवारा पशु भी कूड़ेदानों से खाने के चक्कर में पॉलीथिन को निकल जा रहे हैं. यह पशुओं के सेहत पर भी खतरनाक असर डाल रहा है. एक्सपर्ट के अनुसार, काले रंग की पाॅलीथिन दूषित प्लास्टिक से तैयार की जाती है, भविष्य में इसे रि-साइकिल नहीं किया जा सकता है. खाने पीने का सामान इस प्रकार के पाॅलीथिन में रखे जाने से वो दूषित व विषैला हो जाता है.पॉलीथिन से नाले हो रहे जाम, बारिश में होती है परेशानी
पॉलीथिन के उपयोग से शहरवासी यूं ही खुले में पॉलीथिन को फेंक देते हैं. पॉलीथिन धीरे धीरे नालियों तक पहुंच जाती है. यह गंदे पानी के बहाव को रोकने के साथ साथ कूड़ा कचरा को भी अपने में समाहित कर लेता है. यही पॉलीथिन व कूड़ा कचरा के कारण नाला नालियां जाम हो जाती है. दूषित पानी का सही प्रकार से बहाव नहीं होने के कारण नालियां बजबजाने लगतीं हैं. संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है. बारिश के मौसम में पॉलीथिन व कचरा सड़कों पर बहने लगता है. यह शहरवासियों के लिए मुसीबत बन जाता है.
नगर निगम क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में कमोवेश एक जैसा हाल
देवघर नगर निगम क्षेत्र में 36 वार्ड है. यहां की आबादी दो लाख से अधिक है. नाले जाम की परेशानी से हर कोई जूझ रहा है. शहर का टावर चौक, वीआइपी चौक, सत्संग चौक, बाबा मंदिर के आसपास का क्षेत्र, बरमसिया, कुंडा, बंपास टाउन, विलियम्स टाउन, धोबिया टोला, बिलासी, नंदन पहाड़ रोड, कुमोदिनी घोष रोड, कॉलेज रोड आदि जगहों पर कमोवेश एक जैसी की स्थिति रहती है.क्या कहते हैं पदाधिकारी
प्रतिबंधित पॉलीथिन के उपयोग एवं बिक्री पर रोक लगाने के लिए जल्द ही छापेमारी के लिए सघन अभियान चलाया जायेगा. दोषियों से जुर्माना वसूल कर कार्रवाई भी की जायेगी.योगेंद्र प्रसाद, नगर आयुक्त, नगर निगम, देवघर——————————–
सब्जी मंडी, फल, किराना,मिठाई, दवाई, मुर्गा, मटन व मछली की दुकानों में धड़ल्ले से इस्तेमाल
उपयोग के बाद खुले में पॉलीथिन को फेंक दिया जाता है
नगर निगम के द्वारा अभियान चलाये जाने के बाद भी कोई अंकुश नहीं
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