राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देवघर में की बाबा वैद्यनाथ की पूजा, देश की सुख-समृद्धि की कामना की

देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देवघर बाबा वैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर देश की सुख-समृद्धि की कामना की. पुरोहितों द्वारा राष्‍ट्रपति को षोड्शोपचार विधि के द्वारा बाबा बैद्यनाथ की पूजा-अर्चना करायी गयी.

By AmleshNandan Sinha | February 29, 2020 4:25 PM
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रांची : देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देवघर बाबा वैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर देश की सुख-समृद्धि की कामना की. पुरोहितों द्वारा राष्‍ट्रपति को षोड्शोपचार विधि के द्वारा बाबा बैद्यनाथ की पूजा-अर्चना करायी गयी. पूजन के बाद राज्‍यपाल को देवघर की उपायुक्त नैंसी सहाय ने मंदिर श्राईन बोर्ड की तरफ से अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया. राष्‍ट्रपति दोपहर करीब एक बजे देवघर पहुंचे. उनके साथ राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू उपस्थित थीं.

राष्‍ट्रपति के स्‍वागत के लिए एयरपोर्ट पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, संथाल परगना आयुक्त अरविंद कुमार, संथाल परगना पुलिस उपमहानिरीक्षक राजकुमार लकड़ा, पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सहित कई बड़े अधिकारी मौजूद थे. राष्‍ट्रपति वायुसेना के हैलिकॉप्‍टर से रांची से देवघर पहुंचे थे.

अपने दो दिन के झारखंड दौरे के क्रम में राष्‍ट्रपति दूसरे दिन शनिवार को विकास भारती बिशुनपुर के कार्यक्रम में शामिल हुए. वहीं, दौरे के पहले दिन राष्‍ट्रपति सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुए.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देवघर आने वाले तीसरे राष्ट्रपति हैं. इससे पहले देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद तथा दो बार बतौर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर चुके हैं.

राष्‍ट्रपति के आगमन को लेकर पूरे शहर में चाक-चौबंद सुरक्षा-व्यवस्था की गयी थी. पुलिस अधीक्षक नरेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में सुरक्षा की सभी व्यवस्था की गयी थी. यातायात को सुगम बनाने तथा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शहर में रूट डायवर्ट भी किये गये थे. कई स्थानों पर ड्रॉप गेट तथा बेरियर भी लगाये गये थे. इसके साथ ही पहुंच पथ पर स्लाइडिंग बेरियर भी लगाया गया था.

एयरपोर्ट से सर्किट हाउस और मंदिर तक के रास्‍ते में ऊंचे भवनों पर सुरक्षा बल के जवान तैनात किये गये थे, ताकि असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा सके. जगह-जगह पर सुरक्षा बल के तेज तर्रार जवानों को तैनात किया गया था. परिंदा भी पर नहीं मार सके, इसे ध्यान में रखते हुए सफेद पोषाक में भी अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी. जगह-जगह दंडाधिकारी को भी नियुक्‍त किया गया था.

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