झारखंड में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल!शिक्षकों की होगी बंपर बहाली, बोले शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो
Jharkhand News: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि निजी विद्यालयों को 25 प्रतिशत सीट पर गरीब बच्चों का निःशुल्क दाखिला लेना है, लेकिन अधिकतर स्कूल इसे पूरा नहीं कर रहे हैं. निजी स्कूलों पर नियंत्रण के लिए डीसी के नेतृत्व में कमिटी बनेगी. इसमें सांसद, विधायक को सदस्य के तौर पर शामिल किया जायेगा.
Jharkhand News: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने देवघर सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरजिला शिक्षकों का फेजवाइज गृह जिले में तबादला किया जाना है. यह मामला सरकार के संज्ञान में है. इसके लिये नयी नियमावली में साइन भी हो चुका है. पंचायत चुनाव नहीं होता तो दो माह में नये शिक्षकों की पहले बहाली होती. उसके बाद गृह जिले में शिक्षकों का तबादला करते. पंचायत चुनाव के बाद शिक्षकों की पहले बहाली होगी, फिर फेज वाइज अंतरजिला शिक्षकों को गृह जिले में लाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों पर नियंत्रण के लिए डीसी के नेतृत्व में कमिटी बनायी जायेगी. इसमें सदस्य के रूप में सांसद, विधायक को शामिल किया जायेगा.
गृह जिला ट्रांसफर में इन्हें मिली प्राथमिकता
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि पहले महिलाओं, फिर बारी-बारी से दिव्यांग, बीमार व पति-पत्नी शिक्षकों को गृह जिले तबादला में प्राथमिकता दी जायेगी. पति-पत्नी आवेदन में जहां लिखकर देंगे, उसी जिले में उनलोगों की पोस्टिंग की जायेगी. उन्होंने कहा कि पहले नियम था पांच साल के बाद तबादला करने का, लेकिन नियमावली बदलकर सरकार ने अब तीन साल कर दिया है. इसलिये शिक्षकों को गृह जिला लाने में अब कोई बाधा नहीं है.
35,000 स्कूलों में मात्र 500 हेडमास्टर
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि देवघर में अल्पसंख्यक स्कूलों की तरह दीनबंधु स्कूल हैं. समय पर उस स्कूल के शिक्षकों, कर्मियों को वेतन, सुविधा नहीं मिलने का मामला उनके पास आया है. जल्द इसका भी समाधान करेंगे. झारखंड के 35,000 स्कूलों में मात्र 500 हेडमास्टर के मामले पर उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इसका भी समाधान करने जा रहे हैं. कुछ हेडमास्टर शिक्षकों को प्रमोशन देकर बनाया जायेगा, बाकी सीटों के लिये सरकार नये हेडमास्टर की बहाली भी करेगी.
निजी स्कूलों के खिलाफ जांच
निजी स्कूलों की मनमानी पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि वे लोग राज्य सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं. कोरोना के पूर्व जब उनकी सरकार ने नियम बनाया कि प्राइवेट स्कूलों को हर साल सिर्फ ट्यूशन फीस लेनी है, नामांकन शुल्क नहीं. इस पर सभी निजी स्कूल एकजुट होकर सुप्रीम कोर्ट चले गये थे. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के निर्णय के खिलाफ फैसला दिया था. बावजूद सरकार ने हाल के दिनों में बोकारो के दो निजी स्कूलों के खिलाफ जांच करायी है. साथ ही निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिये सरकार बहुत जल्द नियमावली भी तैयार कर रही है.
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निजी स्कूलों पर ऐसे होगा नियंत्रण
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि निजी विद्यालयों को 25 प्रतिशत सीट पर गरीब बच्चों का निःशुल्क दाखिला लेना है, लेकिन अधिकतर स्कूल इसे पूरा नहीं कर रहे हैं. उन्हें वाट्सएप पर जानकारी उपलब्ध कराएं. संबंधित निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. निजी स्कूलों पर नियंत्रण के लिये उन्होंने डीसी के नेतृत्व में कमिटी बनवाने की भी बात कही, जिसमें सदस्य के तौर पर क्षेत्रीय सांसद, विधायक को भी सदस्य के तौर पर शामिल किया जायेगा.
कोरोना से प्रभावित पढ़ाई की होगी भरपाई
कोरोना में प्रभावित हुई शिक्षा व्यवस्था की भरपाई के लिये तीसरी कक्षा तक के बच्चों को आंगनबाड़ी में खेल-खेल में पढ़ाई करायी जायेगी. इसके लिये आंगनबाड़ी सेविकाओं को 2000 रूपये अतिरिक्त मानदेय भी दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि आठवीं के बाद आर्थिक बाधा में बच्चों की पढ़ाई रूक जाती है, इसलिये उनकी सरकार ने प्लस-2 तक के बच्चों को मुफ्त में कॉपी-किताब दिलवाने का निर्णय लिया है. ड्रॉपआउट बच्चों को फिर स्कूल से जोड़ने का अभियान शिक्षा विभाग का चल रहा है. पत्रकार वार्ता के पूर्व शिक्षा मंत्री ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया. प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता सहित जिलाध्यक्ष संजय शर्मा, झामुमो नेता सुरेश सिंह, श्री सिंह, अंग्रेज दास, सूरज झा व अन्य मौजूद थे.
रिपोर्ट: आशीष कुंदन