इग्नू के क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र, देवघर की ओर से तक्षशिला विद्यापीठ के सभागार में 37वां दीक्षांत समारोह का आयोजन इग्नू के ज्ञानदर्शन चैनल के सजीव प्रसारण के साथ किया गया. समारोह में सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के कुलपति प्रो डॉ बिमल प्रसाद सिंह ने कहा कि इग्नू विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है, जिसमें रोजी-रोजगार के साथ-साथ अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने सभागार में उपस्थित 116 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की.
इग्नू क्षेत्रीय केंद्र के अंतर्गत लगभग साढ़े पांच हजार योग्य अभ्यर्थियों को उनके अध्ययन पूरा होने के बाद डिग्रियां उपलब्ध करायी गयी हैं. इससे पहले इग्नू मुख्यालय, नयी दिल्ली में मुख्य अतिथि भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि आज डिग्रियां प्राप्त करने वाले सभी इग्नू के विद्यार्थी विकसित भारत @2047 के संकल्प में अपना योगदान सुनिश्चित करें. उन्होंने 308051 विद्यार्थियों को पूरे देश में एक क्लिक के द्वारा डिजी लॉकर के माध्यम से ब्लाॅक चेन टेक्नोलॉजी से डिग्रियां प्रदान की.
इसका फायदा यह है कि अब विद्यार्थियों को नौकरियां प्राप्त करने के बाद उन्हें इसके सत्यापन के लिए कहीं भागदौड़ करने की जरूरत नहीं होगी. कार्यक्रम के प्रारंभ में इग्नू क्षेत्रीय केंद्र देवघर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ पी सरथ चंद्र ने केंद्र की रिपोर्ट प्रस्तुत की. सहायक क्षेत्रीय निदेशक अरविंद मनोज कुमार सिंह ने अतिथि कुलपति प्रो बिमल प्रसाद सिंह का परिचय प्रस्तुत किया. दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ सरोज कुमार मिश्र ने किया.
इस अवसर पर एएस कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ अशोक कुमार, देवघर कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ अखिलेश कुमार, इग्नू क्षेत्रीय केंद्र के विभिन्न अध्ययन केंद्र के समन्वयक व सहायक समन्वयक, विद्यार्थी, अभिभावक, हिंदी विद्यापीठ बीएड कॉलेज की प्राचार्य डाॅ आशा मिश्र, प्राध्यापिका डॉ अपर्णा, डॉ गुंजा कुमारी, डॉ ओम, शिक्षकेतर कर्मी पंकज सिन्हा, बादल, अभिमन्यु, इग्नू क्षेत्रीय केंद्र के कर्मी रंजीत सिन्हा, सुनील कुमार सिंह, दिलीप कुमार साव, प्रकाश चंद्र सिन्हा, अमित कुमार सिन्हा, हिमांशु कुमार देव, देवेश कुमार, विकास कुमार राउत, राज कुमार पंडित, आदेन प्रसाद ठाकुर आदि उपस्थित थे.