मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में शुक्रवार को उर्दू के शायर मिर्जा गालिब की जयंती मनायी गयी. लोगों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस अवसर पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि उर्दू के महान शायर मिर्जा अब्दुल्लाह खां गालिब की गिनती दुनिया के उन चंद साहित्यकारों में होती है, जिन्होंने किसी भाषा के विकास की दशा व दिशा ही बदल दी. उसपर अमिट छाप छोड़ी. गालिब ने गजल को सभ्यता की परिधि में लाकर खड़ा किया. इससे उर्दू की तासीर और तकदीर बदल गयी. उन्होंने गजल का ऐसा माहौल तैयार किया. जिसमें प्रगति के सभी तत्व और सुविधाएं मौजूद है. गालिब की शायरी एक ऐसा आईना है. इसमें गालिब का संपूर्ण व्यक्तित्व देखा जा सकता है. वे उर्दू अदब के मशहूर नगीनें थे. उन्होंने कहा कि गालिब ऐसे आधुनिक शायर थे.उनकी शायरी आज भी बोलता है. वहीं, गालिब की संदर्भ में अन्य लोगों ने भी अपने ख्यालों का इजहार किया.
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