सावित्रीबाई फुले व जयपाल सिंह मुंडा की मनी जयंती
मधुपुर के राहुल अध्ययन केंद्र में कार्यक्रम का आयोजन
मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में शुक्रवार को सावित्रीबाई फुले व झारखंड आंदोलन के अग्रदूत जयपाल सिंह मुंडा की जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर लोगों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. वहीं, धनंजय प्रसाद ने कहा कि सावित्रीबाई फुले महान समाज सुधारक, शिक्षाविद् व महिलाओं की मसीहा थी. वे देश की प्रथम महिला शिक्षिका थी, जिन्होंने विकट व विपरीत परिस्थितियों को झेलते हुए महिला शिक्षा पर अद्भुत कार्य किया. उनदिनों महिला शिक्षा का सामंती व कट्टरपंथी समाज घोर विरोधी थे. इसीलिए उन्होंने विरोधियों की तरह-तरह की यातनाएं झेलनी पड़ी. बावजूद इसके सब कुछ सहते महिला शिक्षा का अलख जगाती रही. महिला शिक्षा के लिए 18 स्कूलों की स्थापना व संचालन उनके द्वारा किया गया. महान समाज सुधारक ज्योतिबा राव फुले के प्रेरणा व सहयोग से सत्य शोधक समाज की स्थापना कर विधवा पुनर्विवाह कराया. आश्रम बनाकर करीब 20 हजार बालिकाओं को नि:शुल्क भोजन के साथ शिक्षा की व्यवस्था की. साथ ही सती प्रथा व विधवा प्रथा का घोर विरोधी रही. कहा कि जयपाल सिंह मुंडा झारखंड आंदोलन के अग्रदूत थे. उन्होंने आजादी के बाद पहली बार झारखंड पार्टी बनाकर अलग झारखंड राज्य की आवाज को बुलंद की. उनदिनों उनकी पार्टी के 36 विधायक थे. वे पत्रकार, खिलाड़ी, राजनीतिज्ञ व समाज सुधारक भी थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है