मधुपुर. शहर के भेड़वा नवाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में प्रसिद्ध लेखक कृश्न चंद्र की जयंती एवं जनकवि शील व वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बोस की पुण्यतिथि मनायी गयी. इस अवसर पर विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. इस अवसर पर साहित्यकार धनंजय प्रसाद ने कहा कि कृश्न चंद्र हिन्दी व उर्दू के प्रसिद्ध लेखक थे. उन्हें साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया था. उन्होंने कहा कि सर जगदीश चंद्र बोस भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे. जिन्हें भौतिक, जीवविज्ञान, वनस्पति विज्ञान व पुरातत्व का गहन ज्ञान था. वे पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिनी पर कार्य किया. वनस्पति विज्ञान में महत्वपूर्ण खोज तथा भारत के पहले वैज्ञानिक शोधकर्ता थे, जिन्हें रेडियो विज्ञान व बंगला विज्ञान कथा साहित्य का जनक कहा जाता है. उन्होंने कहा कि जनकवि शील जनपक्षधर रचनाकार थे. मजदूर की झोपड़ी, कविता लिखने के कारण उन्हें नौकरी गंवानी पड़ी थी. उनकी चर्खाशाला, अंगड़ाई, एक पग, उदय पर, लावा व फूल, कर्मवाची शब्द व नाटक, नयी रोशनी के फूल, पोस्टर चिपकाओ आदि प्रमुख रचनाएं हैं. ऐसे विभूतियों को भला कैसे भूलाया जा सकता है. जिन्होंने देश व समाज के लिए समर्पण किया. —————————————————————————————————————————— मधुपुर के भेड़वा नवाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में कार्यक्रम आयोजित
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