Deoghar News : मामलों की संवेदनशीलता को समझें, बाल अधिकाराें की रक्षा करें : पीडीजे
पीडीजे ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम यानि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामलों की संवेदनशीलता को समझना और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने जांच प्रक्रिया को संवेदनशील और त्वरित बनाने पर बल दिया.
विधि संवाददाता, देवघर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से उप विकास आयुक्त के सभागार में विधिक जागरुकता अभियान के तहत न्यायिक पदाधिकारियों, कर्मचारियों, पीएलवी व पुलिस अनुसंधान अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण सह विधिक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार समेत अन्य न्यायिक पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. पीडीजे ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम यानि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामलों की संवेदनशीलता को समझना और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने जांच प्रक्रिया को संवेदनशील और त्वरित बनाने पर बल दिया. साथ ही एनडीपीएस एक्ट यानि नारकोटिक ड्रग्स व साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम के तहत मामलों में साक्ष्यों की जांच और प्रबंधन के महत्व पर भी प्रकाश डाला. मोटर एक्सीडेंट क्लेम केस अधिनियम से संबंधित मामलों में पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए सही तथ्यों और कानूनों का अनुपालन की बात पर विशेष प्रकाश डाला. प्रशिक्षण कार्यक्रम में पीडीजे के अलावा एडीजे प्रथम राजीव रंजन, एडीजे नवम विजय कुमार श्रीवास्तव ने पॉक्सो अधिनियम, दुर्घटना दावा अधिनियम एवं एनडीपीएस एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी. साथ ही कानून की बारीकियों को विस्तार से समझाया और अनुसंधान अधिकारियों को इन कानूनों का प्रभावी अनुपालन करने के लिए उपयोगी सुझाव दिये. शिविर में प्रभारी सीएस डॉ युगल किशोर राय, डॉ उल्लासिता उर्वशी, सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष कौशल कुमार, सदस्य देवेंद्र पांडेय, गौतम कुमार, लोक अभियोजक, सभी थानों से आए पुलिस अधिकारी आदि मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मयंक तुषार टोपनो ने किया.
हाइलाइट्स
पुलिस अनुसंधान अधिकारियों को क्षमता निर्माण का मिला प्रशिक्षण
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