संवाददाता, देवघर. डायट, जसीडीह में बुधवार को प्रोजेक्ट इंपैक्ट और नयी शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 पर आधारित दो दिवसीय गैर-आवासीय कार्यशाला का समापन हुआ. इस कार्यशाला का आयोजन मधुपुर अनुमंडल के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के लिए किया गया था, जिसका उद्देश्य उन्हें एनईपी 2020 और प्रोजेक्ट इंपैक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के बारे में जागरूक करना था. कार्यशाला में डीएसइ सह डायट प्राचार्य मधुकर कुमार ने कहा कि एनइपी 2020 का मुख्य उद्देश्य सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है. उन्होंने जोर देकर कहा कि इसे हर विद्यालय में अनिवार्य रूप से लागू किया जाना चाहिए. प्रोजेक्ट इंपैक्ट का उचित क्रियान्वयन न केवल छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक होगा, बल्कि यह सरकार की मंशा के अनुरूप शिक्षण प्रक्रिया को भी सशक्त बनायेगा. आज की शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि छात्रों में व्यावहारिक कौशल और समझ विकसित करने पर भी बल दिया जाना चाहिए. डायट संकाय के सदस्य और मास्टर ट्रेनर, डॉ. परशुराम तिवारी ने बाल संसद की अवधारणा पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि अगर विद्यालयों में बाल संसद को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, तो छात्रों को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का अनुभव विद्यालय स्तर पर ही मिल सकता है. बाल संसद, भारतीय संसद की लघु रूप है, जिससे हर बच्चा विद्यालय का एक महत्वपूर्ण अंग महसूस करता है और उसमें नैतिक जिम्मेदारी का विकास होता है. सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के शिक्षक सौरभ गोयल ने अपने विद्यालय की गतिविधियों को पीपीटी के माध्यम से साझा किया, जिसमें उन्होंने प्रोजेक्ट इंपैक्ट के व्यावहारिक क्रियान्वयन के उदाहरण प्रस्तुत किये. प्रशिक्षण में संकाय सदस्य शोभा कुमारी, डॉ इति कुमारी, रीना कुमारी, अनुभूति कुमारी, लिपिक रामकृपाल मुर्मू, आदेशपालक आत्माराम, राजमंगल शर्मा सहित सभी प्रतिभागी शिक्षक उपस्थित थे. ——————————————————– डायट में गैर-आवासीय कार्यशाला का समापन
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