मधुपुर . विश्व मलेरिया दिवस के उपलक्ष्य पर गुरुवार को कस्तूरबा गांधी आवासीय प्लस टू विद्यालय में अनुमंडलीय अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने विद्यालय के छात्राओं के बीच क्विज करायी व जन जागरूकता रैली निकाली. स्वास्थ्य कर्मियों ने छात्राओं को मलेरिया के लक्षण, इसके बचाओ, रोकथाम व उपचार के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी. एमटीएस तपन कुमार ने बताया कि मलेरिया से बचाव हेतु अपने आसपास गंदगी व जल जमाव नहीं होने देना है. पानी के बर्तन को ढ़क कर रखना है. घर के आंगन व छत पर टूटे-फूटे बर्तन नहीं फेंकना है. क्योंकि उसमें पानी जमा हो जाता है, जहां मच्छर अपने अंडे देती है. रात में सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करना है. सप्ताह में एक दिन ड्राइ-डे के रूप में मनाते हुए फूलदानी, फ्रिज, कूलर आदि के पानी को हटाना है. एमपीडब्ल्यू अजय कुमार दास ने बताया कि मलेरिया के मुख्य लक्षण तेज बुखार आना, उल्टी होना या उल्टी जैसा लगना, शरीर में ऐंठन एवं दर्द, सिर दर्द, कमर दर्द, चक्कर आना, पसीने के साथ बुखार उतरना आदि लक्षण हो तो अपने सहिया दीदी या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर शीघ्र जांच करानी चाहिए. मलेरिया तेज बुखार वाला संचारी रोग है, जो संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है. इस दौरान बताया कि भारत में सामान्यतः दो प्रकार के मलेरिया है. पी फेलसीफेरम व पी वाइवैक्स. मौके पर एमपीडब्ल्यू अजय कुमार दास, विनोद कुमार दास, राजीव रंजन, संजीव कुमार वार्डन करुणा राय, शिक्षिका रंजना कुमारी, सूतापा महतो, मंजू एक्का, सुनिधि कुमारी, भूमिका बास्की, दिनेश कुमार दास आदि उपस्थित थे.
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