संवाददाता, देवघर . झारखंड से छह राज्यसभा सांसद है, लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 के बाद से देवघर में राज्यसभा सांसद के मद से एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया है. राज्यसभा सांसदों का मद अधिकत्तर छोटा नागपुर व हजारीबाग आदि प्रमंडल में खर्च होते हैं. संताल परगना में देवघर छोड़कर दूसरे राज्यों में विकास की राशि खर्च हो रही है. विकास भवन के विकास शाखा के अनुसार देवघर जिला पूरी तरह से तीन वर्षों से राज्यसभा के सांसद मद के विकास से वंचित है. देवघर में वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्यसभा सांसद मद का अंतिम खर्च तत्कालीन राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार के मद से हुआ है. महेश पोद्दार के मद से महज आठ लाख रुपये पुस्तकालय में इक्वपमेंट पर खर्च किये गये थे, उसके बाद किसी राज्यसभा सांसदों ने सांसद मद की राशि इस इलाके में खर्च करने में रूचि नहीं दिखायी. मालूम हो कि झारखंड में भाजपा से दीपक प्रकाश, आदित्य साहु व प्रदीप वर्मा राज्यसभा सांसद हैं, जबकि झामुमो से शिबू सोरेन, महुआ माजी व सरफराज अहमद राज्यसभा सांसद हैं. इन छह सांसदों ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बाद देवघर के विकास में एक रुपये भी खर्च नहीं किये.
राज्यसभा सांसद को मिलते है विकास मंद में सालाना पांच करोड़
राज्यसभा सांसद को विकास मद में सालाना पांच करोड़ रुपये मिलता है. इस राशि को अपने राज्यों में प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्यों में खर्च करने का अधिकार है. कोविड के दौरान फंड रुक गया था, लेकिन वर्ष 2022 से दोबारा फंड रिलीज किया गया. हालांकि देवघर में कोविड के पहले भी राज्यसभा मद से मोटी राशि खर्च नहीं हो पायी है.
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