रक्षा बंधन सुबह से, भद्रा मानने वाले 12:24 के बाद बंधवायें राखी: प्रमोद शृंगारी
बाबा नगरी के जानकार पंडित प्रमोद शृंगारी बताते हैं कि रक्षा बंधन ऐसा पर्व है जिसमें तिथि की मान्यता ही प्रधान है.अगर भद्रा को मानते हैं तो वे लोग वे लोग सोमवार को 12:24 के बाद रक्षा बंधन का पर्व मना सकते हैं. वहीं पूर्णिमा रविवार को रात में 2:32 बजे शुरू होगा जो की सोमवार 12:40 बजे तक रहेगा.
संवाददाता, देवघर.
रक्षाबंधन त्योहार हर साल धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व सावन माह की पूर्णिमा तिथि को होता है. यह भाई-बहनों के बीच साझा किए गए चिरस्थायी और विशेष बंधन का सम्मान करता है .बहने अपने भाई की रक्षा को लेकर कलाई में राखी बांधती है. इसके लिए शुभमुहूर्त को होना अनिवार्य है. वहीं हर शहर का अपना-अपना मुहूर्त होता है. बाबा नगरी के जानकार पंडित प्रमोद शृंगारी बताते हैं कि रक्षा बंधन ऐसा पर्व है जिसमें तिथि की मान्यता ही प्रधान है. इसमें भद्रा को नहीं देखा जाना चाहिए. इसके बावजूद लोग अगर भद्रा को मानते हैं तो वे लोग वे लोग सोमवार को 12:24 के बाद रक्षा बंधन का पर्व मना सकते हैं. वहीं पूर्णिमा रविवार को रात में 2:32 बजे शुरू होगा जो की सोमवार 12:40 बजे तक रहेगा. शास्त्र कहता है जिस तिथि का उदय उसी का अस्त, इसलिए सोमवार को रक्षा बंधन होगा. लोग सुबह से ही राखी बंधवा सकते हैं,लेकिन जो लोग भद्रा को मानते हैं वे लोग 12:24 के बाद रखी बंधवायेंगे, क्योंकि सोमवार को सूर्योदय के साथ ही भद्रा लग जायेगा ये 01:36 बजे तक भद्रा रहेगा, लेकिन भद्रा की मान्यता 12:24 तक ही होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है