अपने बीमार बच्चे का नाम राशन कार्ड में दर्ज कराने के लिए अनिता देवी लगातार विभाग के चक्कर लगा रही है, लेकिन अबतक उसके बच्चे का नाम कार्ड में दर्ज नहीं हो पाया है. इससे वह अपने बच्चे का इलाज नहीं करा पा रही है. जिला आपूर्ति कार्यालय पहुंची निगम क्षेत्र की रहनेवाली अनिता देवी ने बताया कि उसके पास राशन कार्ड है, लेकिन कार्ड में बच्चे का नाम दर्ज नहीं है. वह बताती है कि उसके बच्चे के सिर में कुछ दिक्कत है.
डॉक्टर ने उसका इलाज रिम्स में कराने की सलाह दी है, लेकिन उतने पैसे नहीं हैं कि इलाज करा पाये. अगर राशन कार्ड में बच्चे का नाम दर्ज हो जायेगा, तो इलाज कराने में काफी मदद मिलेगी. वह अपना दुखड़ा सुनाते हुए फफक-फफक कर रोने लगी. उसने बताया कि प्रज्ञा केंद्र से लेकर विभाग के कार्यालय तक का कई बार चक्कर काट चुकी है, लेकिन बच्चे का नाम राशन कार्ड में दर्ज नहीं हो पा रहा है. अगर बच्चे का नाम कार्ड में दर्ज हो जाता है, तो आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज करा पायेगी. इधर, थक-हार कर अनिता देवी ने अब डीसी के नाम से आवेदन देकर बच्चे की जान बचाने के लिए सहायता मांगी है.
पूरा सिस्टम ही बदल गया है. बीएसओ लॉग इन हो या डीएसओ लॉग इन 20 आवेदन ही लॉग इन में शो करते हैं, इसे क्लियर करने के बाद दूसरा 20 का लॉट आता है. आवेदन भी सीरियल नंबर से ही स्वीकृत की जा सकती है. बावजूद जो भी संभव होगा, प्रयास किया जायेगा. उसके बाद अंतिम रूप से मुख्यालय से ही स्वीकृति मिलनी है. मुख्यालय में भी सीट के वेकेंट होने के बाद ही स्वीकृति दी जा रही है.
अमित कुमार, डीएसओ, देवघर