देवघर : बाबा मंदिर में उपनयन व मुंडन कराने वाले भक्तों का लगा तांता

बाबा मंदिर में इन दिनों भक्तों की भीड़ काफी बढ़ गयी है. महीने में एक दो दिन को छोड़ हर दिन हजारों की संख्या में भक्तों का आगमन हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2024 6:22 AM

देवघर : गुरुवार को फाल्गुन मास एकादशी उपरांत द्वादशी तिथि के अवसर पर सुबह से ही उपनयन व मुंडन कराने आये श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. मंदिर प्रशासनिक भवन, पाठक धर्मशाला से लेकर बाबा मंदिर परिसर में स्थित सभी मंदिरों के बरामदे पर उपनयन व मुंडन कराने वालों की भीड़ रही. इस कारण लोगों को मंदिरों के गर्भगृह के अंदर जाने में भी थोड़ी परेशानी हो रही थी. चली आ रही परंपरा के अनुसार, उपनयन के पहले मटकोर यानी मंडप का विधान है. इसको लेकर बुधवार की रात को ही बड़ी संख्या में भक्तों को बरूआ के माथे पर कपड़ा रख उपनयन के गीत गाते हुए मटकोर का विधान करने के लिए शिवगंगा घाट पर देखा गया. वहीं शाम के सात बजे से ही अलग- अलग मंदिरों में बैठकर विधिवत कुल व ग्राम देवता की पूजा करने के बाद बरुआ का जुटिका बंधन कराया गया. उसके बाद ये लोग मंदिर में जगह रखने के लिए पूरी रात वहीं बैठे रहे. वहीं सुबह सात बजे से ही लोग उपनयन कराने के लिए मंदिर पहुंचने लगे. दिन के 12 बजे तक पूरा परिसर भर चुका था. वहीं इस दौरान मुंडन कराने आए भक्तों का भी दिन भर तांता लगा रहा. शुभ घड़ी में लोग फाग के गीत व कीर्तन करने के लिए भी पहुंचे. सुविधा केंद्र के बरामदे पर कई टोली में कीर्तन का दौर चल रहा था.

दोपहर तक लगी रही लंबी कतार, ढाई हजार से अधिक भक्तों ने लिये कूपन

बाबा मंदिर में इन दिनों भक्तों की भीड़ काफी बढ़ गयी है. महीने में एक दो दिन को छोड़ हर दिन हजारों की संख्या में भक्तों का आगमन हो रहा है. सुबह से लेकर शाम तक भक्त कतार में इंतजार कर जलार्पण करते दिख रहे हैं. फाल्गुन मास एकादशी उपरांत द्वादशी तिथि पर गुरुवार के दिन भी सुबह से ही काफी भीड़ देखी गयी. लोगों की मानें तो लग्न तथा शुभ मुहूर्त होने के कारण भीड़ बढ़ रही है. इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान कराने आये भक्तों के अलावा पूजा-अर्चना करने आये भक्तों की भी काफी भीड़ देखी गयी. पट खुलने से लेकर दोपहर दो बजे तक ओवर ब्रिज में भक्तों को कतारबद्ध होते देखा गया. वहीं कूपन लेकर पूजा करने वाले भक्तों की संख्या करीब ढाई हजार रही, जबकि आम भक्तों की संख्या करीब 30 हजार रही.

Next Article

Exit mobile version