डेंगू व चिकनगुनिया मरीजों के लिए सदर अस्पताल व देवघर एम्स सेंटिनल साइट अस्पताल चिह्नित

देवघर एम्स और सदर अस्पताल को सेंटीनल अस्पताल चिह्नित किया गया है. जहां संभावित व संपुष्ट डेंगू/चिकनगुनिया के मरीजों के लिए 24x7 ओपीडी व आइपीडी की व्यवस्था उपलब्ध है. उक्त अस्पतालों में नियमित प्लेटलेट्स जांच की सुविधा उपलब्ध है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2024 9:09 PM

प्रमुख संवाददाता, देवघर : देवघर एम्स और सदर अस्पताल को सेंटीनल अस्पताल चिह्नित किया गया है. जहां संभावित व संपुष्ट डेंगू/चिकनगुनिया के मरीजों के लिए 24×7 ओपीडी व आइपीडी की व्यवस्था उपलब्ध है. उक्त अस्पतालों में नियमित प्लेटलेट्स जांच की सुविधा उपलब्ध है. सदर अस्पताल, देवघर एवं एम्स, देवघर में एलाइजा पद्धति से सिरम द्वारा डेंगू एवं चिकनगुनिया की निःशुल्क जांच की सुविधा है. सदर अस्पताल में बारह बेडेड मच्छरदानी एवं अन्य सुविधा युक्त अलग से डेंगू वार्ड चिन्हित तथा आवश्यकतानुसार दस बेड सुरक्षित रखा गया है.

डीसी की जिलेवासियों से अपील : सतर्क रहें, अपने आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें

डीसी विशाल सागर ने जिलेवासियों से अपील की है कि डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया जैसी बीमारियों के बढ़ते मामले को देखते हुए सतर्क व सावधान रहें. साथ ही अपने घर व आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की टीम को डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित बीमारियों से निबटने के लिए लगातार साफ-सफाई, फॉगिंग, एंटी लार्वा केमिकल के छिड़काव का निर्देश दिया. साथ ही सदर अस्पताल परिसर में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया से जुड़े मरीजों की सुविधा को लेकर अलग से वार्ड बनाने का निर्देश दिया.

बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान

चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया एक खतरनाक वायरल है, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. अकेला एक मच्छर ही अनेक लोगों को डेंगू या चिकनगुनिया रोग से ग्रसित कर सकता है. इन मच्छरों से बचने के लिए अपने घर के कोनों में साफ-सफाई रखें और गंदे पानी को एक जगह जमने न दें. रात में सोते वक्त मच्छरदानी, क्वाइल का प्रयोग जरुर करें.

अनुमंडल अस्पताल और सभी सीएचसी में भी व्यवस्था

अनुमंडल अस्पताल, मधुपुर एवं सभी सात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी पांच-पांच बेडेड मच्छरदानी एवं अन्य सुविधा युक्त अलग से डेंगू वार्ड चिन्हित हैं. यहां जरूरत के मुताबिक बेड बढ़ाया जा सकता है. जिला वीबीडी कार्यालय द्वारा सभी संभावित एवं संपुष्ट रोगियों के घरों तथा आस पास क्षेत्रों में जाकर कंटेनर सर्वे, मच्छर के प्रजनन स्थलों को पहचान कर उसे नष्ट करने, लार्वानाशी दवा का छिड़काव करने, फॉगिंग करने के साथ जन-जागरुकता से संबंधित हैंडबिल वितरण का काम किया जा रहा है. घर-घर कंटेनर सर्वे एवं निरोधात्मक कार्रवाई के लिए जिला शहरी क्षेत्र में छह कम्यूनिटी वॉलंटियर्स एवं पांच फाइलेरिया कर्मी लगाये गये हैं. साथ ही सभी सीएचसी स्तर पर चिन्हित सहिया एवं एमपीडब्लू आदि को लगाया गया है.

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