Sarkari Naukri: देवघर नियोजनालय में 3000 बेरोजगारों ने कराया रजिस्ट्रेशन, एक को भी नहीं मिली सरकारी नौकरी
देवघर नियोजनालय से कुल 11,800 बेरोजगारों की सूची उत्पाद विभाग को भेजी गयी थी, इसमें 590 युवाओं को ही ठेका पर शराब बेचने की नौकरी मिल पायी. इसके अलावा नियोजनालय द्वारा आयोजित रोजगार मेला व भर्ती कैंप के माध्यम से प्राइवेट कंपनियों में 482 बेरोजगारों को अस्थायी तौर पर नौकरी दी गयी है.
देवघर जिला नियोजनालय कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2022-23 में तीन हजार शिक्षित बेरोजगारों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, लेकिन इसमें एक भी बेरोजगारों को नियोजनालय के माध्यम से सरकारी नौकरी नहीं मिल पायी. एक वर्ष के दौरान नियोजनालय के माध्यम से जिन 590 बेरोजगारों को नौकरी मिली है, उन सभी को उत्पाद विभाग की शराब दुकानों में ठेका पर शराब बेचने का काम मिला है. जिला नियोजन पदाधिकारी प्रकाश बैठा ने बताया कि पिछले एक वर्ष के दौरान राज्य सरकार से कोई वैकेंसी ही नहीं आयी है, जिस कारण नयी नियुक्तियां नहीं हो पायी है.
590 को ठेका पर शराब बेचने की मिली नौकरी
देवघर नियोजनालय से कुल 11,800 बेरोजगारों की सूची उत्पाद विभाग को भेजी गयी थी, इसमें 590 युवाओं को ही ठेका पर शराब बेचने की नौकरी मिल पायी. इसके अलावा नियोजनालय द्वारा आयोजित रोजगार मेला व भर्ती कैंप के माध्यम से प्राइवेट कंपनियों में 482 बेरोजगारों को अस्थायी तौर पर नौकरी दी गयी है. एक वर्ष बीतने के बाद अब नये वित्तीय वर्ष में बेरोजगारों के लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया गया है.
47,687 शिक्षित बेरोजगारों के नाम दर्ज
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिला नियोजनालय कार्यालय में कुल 47,687 शिक्षित बेरोजगारों का नाम दर्ज है. विभाग के अधिकारी का कहना है कि राज्य सरकार से वैकेंसी ही इस वर्ष नहीं आयी है, जिस कारण नयी नियुक्तियां नहीं हो पायी है. नियोजनालय में प्रतिदिन 10वीं पास से लेकर स्नातक पास युवा अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.
सालभर से वैकेंसी ही नहीं आयी है
जिला नियोजन पदाधिकारी प्रकाश बैठा ने बताया कि पिछले एक वर्ष के दौरान राज्य सरकार से कोई वैकेंसी ही नहीं आयी है, जिस कारण नयी नियुक्तियां नहीं हो पायी है. पिछले वर्ष तीन हजार शिक्षित बेरोजगारों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, इसमें 590 बेरोजगारों को उत्पाद विभाग की शराब दुकानों में अनुबंध पर नौकरी मिली है, जबकि 482 बेरोजगारों को रोजगार मेला व भर्ती कैंप के माध्यम से अस्थायी तौर पर प्राइवेट कंपनियां में नौकरी मिली है.