Sawan 2020 : देवघर में बाबा की हर दिन होती पूजा, श्रद्धालुओं के नहीं होने पर मंदिर परिसर है वीरान
Sawan 2020 : श्रावण मास के 19वें दिन शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि शुक्रवार सुबह 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खुला. मंदिर पुजारी विनोद झा एवं मंदिर दरोगा मुक्ता नंद झा बाबा बैद्यनाथ की सरकारी पूजा करने बाबा मंदिर गर्भ गृह गये. हर दिन बाबा बैद्यनाथ की पूजा हो रही है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) के कारण बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश की मनाही है. श्रद्धालुओं के नहीं आने से सावन महीने में पूरा मंदिर परिसर वीरान सा दिख रहा है. हालांकि, बाबा की पूजा श्रद्धालु ऑनलाइन जरूर देख रहे हैं.
Sawan 2020 : देवघर (दिनकर ज्योति) : श्रावण मास के 19वें दिन शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि शुक्रवार सुबह 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खुला. मंदिर पुजारी विनोद झा एवं मंदिर दरोगा मुक्ता नंद झा बाबा बैद्यनाथ की सरकारी पूजा करने बाबा मंदिर गर्भ गृह गये. हर दिन बाबा बैद्यनाथ की पूजा हो रही है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) के कारण बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश की मनाही है. श्रद्धालुओं के नहीं आने से सावन महीने में पूरा मंदिर परिसर वीरान सा दिख रहा है. हालांकि, बाबा की पूजा श्रद्धालु ऑनलाइन जरूर देख रहे हैं.
परंपरागत तरीके से हुई बाबा की पूजा
शुक्रवार की सुबह पुजारी विनोद झा सबसे पहले गुरुवार शाम बाबा के शृंगार पूजा की सामग्रियों को शिवलिंग से हटा कर साफ किये. इसके बाद मखमल के कपड़े से पोछे. इसके बाद कांचा पूजा शुरू करते हुए वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा पर एक लोटा कांचा जल अर्पित किया. इस दौरान मंदिर प्रशासनिक भवन की ओर से तीर्थ पुरोहितों को मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कराया गया. सभी तीर्थ पुरोहितों ने बाबा की कांचा पूजा की. इसके बाद बाबा की सरकारी पूजा शुरू हुई.
मौके पर पूरा मंदिर परिसर जय शिव, बोल बम और हर हर महादेव की जयकारा से गूंज उठा. मंदिर पुजारी विनोद झा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाबा पर फूल, विल्व पत्र, फल, इत्र, चंदन, मधु, घी, दूध, शक्कर, धोती, जनेऊ आदि चढ़ाया. इसके बाद बाबा की सामान्य पूजा के लिए मंदिर का पट खोल दिया गया. इसमें सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहितों ने बाबा पर जल और फूल अर्पित किया.
इसी बीच मंदिर इस्टेट की ओर से महिला तीर्थ पुरोहित गुदड़ी देवी ने मंदिर परिसर स्थित मां अन्नपूर्णा, मां काली, मां पार्वती आदि देवी शक्ति के मंदिरों में माता को जल से स्नान करा कर सिंदूर लगायी. सुबह 6:30 बजे मंदिर का पट बंद कर दिया गया.
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वीरान दिख रही बाबा नगरी
गत वर्ष श्रावणी मेले के 19वें दिन धार्मिक नगरी देवघर में भक्तों का रेला लगा हुआ था. चारों ओर शिवभक्त कांवरिया ही दिख रहे थे. बोल बम की जयकारा से पूरा शहर पवित्र हो रहा था. जिला प्रशासन की ओर से पूरे शहरी क्षेत्र में लाउडस्पीकर लगाये गये थे. इसमें 24 घंटे शिव धुन बजा करते थे. लेकिन, इस बार सब कुछ फीका- फीका है. पूरी बाबा नगरी खाली- खाली दिख रही है. दूर-दूर तक एक भी गेरुआ वस्त्रधारी कांवरिया नहीं हैं. हर जगह सन्नाटा पसरा है. कहने को तो लाउडस्पीकर लगे हैं, लेकिन उससे शिव धुन की आवाज कम, वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के उपाय अधिक बताये जा रहे हैं. लोगों को कोरोना वायरस से जागरूक किया जा रहा है.
पिछले साल तक बड़े-बड़े पंडाल, आज सूना-सूना है इलाका
पिछले साल तक श्रावणी मेले के 19वें दिन विलियम्स टाउन बीएड कॉलेज में विशाल 8 से 10 पंडाल बनाये जाते थे. उन पंडालों में भक्तों को रखकर भीड़ नियंत्रित की जा रही थी. एलइडी टीवी में मंदिर की स्थिति दिखायी जा रही थी. भक्तों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम किया जा रहा था. भजनों से पूरा कॉलेज परिसर पवित्र हो रहा था. लेकिन, इस बार पूरा परिसर ही खाली-खाली है. कोई लाउडस्पीकर नहीं लगी है और ना ही कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं.
बाबा नगरी में कारोबार प्रभावित
बीएड कॉलेज परिसर से भक्तों को तिवारी चौक, जलसा चिल्ड्रन पार्क, मत्स्य विभाग, पंडित शिवराम चौक होते हुए मानसरोवर से फुटओवर ब्रिज में चढ़ा कर भक्तों को मंदिर प्रवेश कराया जा रहा था. लेकिन, इस बार कोरोना ने सब कुछ खत्म कर दिया है. दूर-दूर तक शिवभक्त दिखायी नहीं पड़ रहे हैं. सारी दुकानें बंद हैं. सारा कारोबार ठप है. कमाई का कोई जरिया दिख नहीं रहा है. लोगों के सामने भूखमरी की स्थिति है. सब लोग बोल रहे हैं कि बाबा की नगरी को किसी की नजर लग गयी है. इससे पहले तक कभी इस तरह की स्थिति नहीं हुई थी. शहर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गयी है. जगह-जगह पुलिस बैठा तैनात है. आने-जाने वाले हर लोगों पर पैनी नजर रखी जा रही है. बाहरी गाड़ी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. इसके लिए उन्हें प्रवेश की अनुमति पत्र दिखाने को कहा जा रहा है.
Posted By : Samir ranjan.