Sawan 2020 : बाबा मंदिर में एकादशी पर 5 दिवसीय झूला उत्सव शुरू, भोलेनाथ की भी हुई आराधना
Sawan 2020 : देवघर में बाबा मंदिर परिसर स्थित राधा- कृष्ण मंदिर में 30 जुलाई श्रावण मास शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि से 5 दिवसीय झूलनोत्सव शुरू हुआ. यह 3 अगस्त पूर्णिमा के दिन विधि-विधान पूर्वक समापन होगा. इस अवसर पर भगवान राधा- कृष्ण की षोडशोपचार विधि से पूजा- अर्चना की गयी. आचार्य दुर्गा प्रसाद, पुजारी भरत शृंगारी एवं मंदिर उपचारक भक्ति नाथ फलाहारी ने भगवान को नये वस्त्र पहनाकर परंपरागत तरीके से पूजा की. राधा-कृष्ण की प्रतिमा को झूले पर बैठा कर झुलाया गया.
Sawan 2020 : देवघर (दिनकर ज्योति) : देवघर में बाबा मंदिर परिसर स्थित राधा- कृष्ण मंदिर में 30 जुलाई श्रावण मास शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि से 5 दिवसीय झूलनोत्सव शुरू हुआ. यह 3 अगस्त पूर्णिमा के दिन विधि-विधान पूर्वक समापन होगा. इस अवसर पर भगवान राधा- कृष्ण की षोडशोपचार विधि से पूजा- अर्चना की गयी. आचार्य दुर्गा प्रसाद, पुजारी भरत शृंगारी एवं मंदिर उपचारक भक्ति नाथ फलाहारी ने भगवान को नये वस्त्र पहनाकर परंपरागत तरीके से पूजा की. राधा-कृष्ण की प्रतिमा को झूले पर बैठा कर झुलाया गया.
वार्षिक पूजा को लेकर राधा- कृष्ण मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया. भगवान के झूले को आकर्षक फूलों, चुनरी और रंग- बिरंगी लाईटों से सजाया गया. इस संबंध में मंदिर उपचारक भक्ति नाथ फलाहारी ने बताया कि कोरोना के कारण इस बार पूजा में परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है. भक्तों के आने पर रोक लगा दी गयी है. इससे भक्त अपने इष्ट देव नारायण भगवान को झूला झूलाने से वंचित रह गये हैं. यह पूजा 3 अगस्त सोमवार के दिन पूर्णिमा को समापन की जायेगी. इस दौरान प्रत्येक दिन संध्या समय भव्य आरती और शीतल भोग लगाया जायेगा.
श्रावण मास शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि गुरुवार को बाबा बैद्यनाथ की षोडशोपचार विधि से पूजा की गयी. इस अवसर पर सुबह करीब 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खुला. पुजारी विनोद झा बाबा की सरकारी पूजा करने बाबा मंदिर गर्भ गृह में प्रवेश किया. हर दिन की भांति साफ-सफाई कर कांचा जल के साथ षोडशोपचार विधि से पूजा अर्चना हुई.
बाबा मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश करते ही पुजारी विनोद झा ने सबसे पहले बुधवार की बाबा की शृंगार पूजा के सामग्रियों को हटाया. द्वादश ज्योतिर्लिंग को मखमल के कपड़ा से साफ किया. इसके बाद पुजारी विनोद झा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ एक लोटा कांचा जल बाबा पर चढ़ाये. इसके साथ ही बाबा की कांचा पूजा शुरू हो गयी. इस बीच सभी तीर्थ पुरोहितों ने बाबा पर कांचा जल अर्पित कर मंगल कामना की. इसके समापन के बाद सरकारी पूजा शुरू की गयी.
पुजारी विनोद झा ने बाबा बैद्यनाथ की षोडशोपचार विधि से पूजा की. बाबा पर मंत्रोच्चार के बीच फूल, विल्व पत्र, इत्र, चंदन, मधु, घी, दूध, शक्कर, धोती, साड़ी, जनेऊ आदि अर्पित किये. इसके बाद सभी तीर्थ पुरोहितों के लिए बाबा मंदिर का पट खोल दिया गया. इस बीच महिला तीर्थ पुरोहित गुड़री देवी ने बाबा मंदिर परिसर स्थित देवी शक्ति मंदिरों में माता पार्वती, माता बगला, माता काली, माता संध्या देवी आदि को महा स्नान कराकर सिंदूर पहनाई. इसके बाद सुबह करीब 6:30 बजे बाबा मंदिर का पट बंद कर दिया गया. सभी भक्त मंदिर परिसर से बाहर निकल गये. मंदिर का मुख्य दरवाजा भी बंद कर दिया गया.
कोरोना के कारण बाबा मंदिर में लॉकडाउन को कड़ाई से लागू किया गया है. स्थानीय भक्तों सहित बाहरी भक्तों के प्रवेश पर रोक है. भक्तों को रोकने के लिए मंदिर के सभी प्रवेश द्वार पर पुलिस तैनात है. इससे मंदिर परिसर सहित आसपास का क्षेत्र खाली है.
पिछले साल श्रावणी मेला के 25वें दिन बाबा नगरी में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था. पूरा बाबाधाम झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िशा, दिल्ली, यूपी, एमपी, असम, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा समेत अन्य राज्यों से भक्त बाबा नगरी पहुंचते थे. हर ओर बोल बम, हर हर महादेव, जय शिव के जयकारो से पूरा शहर गूंजता था. भक्तों को नियंत्रित करने में पुलिस बलों को भारी मशक्कत करनी पड़ती थी.
विलियम्स टाउन बीएड कॉलेज परिसर में बने पंडाल से भक्तों को नियंत्रित किया जाता था. सीमित संख्या में शिव भक्तों को जलार्पण के लिए बाबा मंदिर भेजा जाता था. भक्तों की सेवा में 100 से अधिक सेवा शिविर लगी थी. कतार में भक्तों के बीच नि:शुल्क फल, चाय, नींबू- पानी, सादा पानी आदि बांटी जा रही थी. इस बार कोरोना ने सब कुछ उलट दिया.
सुल्तानगंज से लेकर बाबाधाम तक भक्तों नगण्य है. गेरुआ वस्त्रधारी शिवभक्त कांवरिया को देखने के लिए आंखें तरस रही है. भक्तों को रोकने के लिए हर जगह पुलिस तैनात है. मुख्य चौक- चौराहों पर पुलिस 24 घंटे ड्यूटी दे रही है. बाबा नगरी आनेवाली सभी गाड़ियों पर पुलिस की पैनी नजर है. परमिट देखने के बाद ही शहर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है.
Posted By : Samir Ranjan.