देवघर (दिनकर ज्योति) : श्रावण मास के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि शनिवार को बाबा वैद्यनाथ की षोडशोपचार विधि से पूजा की गयी. इस अवसर पर सुबह लगभग 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खुला. पुजारी विद्या झा और मंदिर कर्मी रमेश मिश्र सरकारी पूजा करने के लिए बाबा मंदिर के गर्भ गृह में पहुंचे.
सबसे पहले शुक्रवार शाम को बाबा की शृंगार पूजा की सामग्रियों को हटाकर द्वादश ज्योतिर्लिंग को मखमल से साफ किया गया. इसके बाद पुजारी विद्या झा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ एक लोटा काचा जल बाबा पर चढ़ाया. इसके बाद सभी तीर्थ पुरोहितों ने बारी-बारी से बाबा पर काचा जल चढ़ाये.
पुजारी विद्या झा ने बाबा बैद्यनाथ की सरकारी पूजा षोडशोपचार विधि से की. मंत्रोच्चार के बीच बाबा बैद्यनाथ पर फूल, बिल्व पत्र, इत्र, चंदन, मधु, घी, दूध, शक्कर, धोती, साड़ी, जनेऊ आदि अर्पित की. फिर बाबा मंदिर का पट खोल दिया गया. सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहितों ने बाबा की पूजा की.
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इस बीच, महिला तीर्थ पुरोहित गुड़री देवी ने बाबा मंदिर परिसर स्थित देवी शक्ति के मंदिरों में माता पार्वती, माता बगला, माता काली, माता संध्या देवी आदि को महा स्नान कराकर सिंदूर पहनायी. सुबह लगभग 6:30 बजे बाबा मंदिर के पट को बंद कर दिया गया.
सभी भक्तों के मंदिर परिसर से निकलने के बाद पुलिस बल ने मुख्य द्वार को बंद कर दिया. कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इस वर्ष मंदिर में भक्तों के प्रवेश और सार्वजनिक पूजा पर रोक है. मंदिर में केवल परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है. इसलिए सीमित संख्या में भक्तों को पूजा की अनुमति दी गयी है.
भक्तों को रोकने के लिए मंदिर के बाहर पुलिस बल तैनात हैं. इससे मंदिर परिसर का क्षेत्र खाली रहा. गत वर्ष श्रावणी मेला के 27वें दिन बाबा नगरी में भक्तों की लंबी कतार लगी हुई थी. शिवगंगा से लेकर मंदिर परिसर तक पहुंचने में एक घंटे से अधिक वक्त लग रहा था. बोल बम के नारा से पूरा शहर गूंज रहा था.
पवित्र शिवगंगा में सर्वाधिक भक्तों की भीड़ थी. उन्हें स्नान करने के लिए घंटों रुकना पड़ रहा था. कांवर रखने की जगह नहीं मिल रही थी. बाबा नगरी झारखंड, बिहार, बंगाल, असम, मणिपुर, ओड़िशा, त्रिपुरा, मिजोरम, दिल्ली, यूपी, एमपी, हरियाणा, पंजाब व अन्य राज्यों के भक्तों से पटा था.
विलियम्स टाउन बीएड कॉलेज परिसर में कंट्रोल रूम बनाया गया था. यहां से भक्तों को नियंत्रित किया जा रहा था. भक्तों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम व भजन का आयोजन किया गया था. शिव भक्तों को सीमित संख्या में बाबा पर जल अर्पण करने के लिए बारी-बारी से बाबा मंदिर भेजा जा रहा था.
कांवरिया पथ पर विभिन्न संगठनों ने कांवरियों के बीच नि:शुल्क फल, चाय, नींबू-पानी, सादा पानी आदि का वितरण किया था. इस बार कोरोना ने भक्तों के उमंग को फीका कर दिया. चारों ओर निराशा है. न भक्त आये, न सेवा शिविर लगाने वाले स्वयंसेवी.
Posted By : Mithilesh Jha