Sawan 2022, Shravani Mela 2022: मंगलवार (19 जुलाई, 202 ) को बाबा मंदिर में जलार्पण करने आये कांवरियों की कम भीड़ देखी गयी. शीघ्र दर्शनम कूपन की व्यवस्था जारी रहने के कारण कांवरियों को जलार्पण में काफी सुविधा मिली. बेहतर व्यवस्था के तहत एक लाख से अधिक कांवरियों ने जलार्पण किये. इनमें से अर्घा जलार्पण करने वाले भक्तों की संख्या 81,658 रही, जबकि बाह्य अर्घा के द्वारा 17,168 एवं शीघ्रदर्शनम् कूपन के जरिये 2129 कांवरियों ने जलार्पण किया.
सुबह तीन बजे खुला बाबा मंदिर का पट
तय समय सुबह के करीब तीन बजकर पांच मिनट पर बाबा मंदिर का पट खोला गया. चली आ रही परंपरा के अनुसार सबसे पहले मां काली की पूजा संपन्न करने के बाद पुजारी विद्यानंद झा ने बाबा भोले नाथ का बीस मिनटों तक काचाजल पूजा को संपन्न कराया.उसके बाद पुजारी श्री झा ने सरदारी पूजा प्रारंभ की शोडषोपचार विधि से करीब पैंतालीस मिनटों तक पूजा करने के बाद सुबह चार बजे आम भक्तों के लिए अरघा के माध्यम से जलार्पण प्रारंभ कराया.
बीएड कॉलेज से कतार संचालन हुआ शुरू, दोपहर बाद शिवराम झा चौक से
बाबा मंदिर का पट खुलते ही कांवरियों को बीएड कॉलेज परिसर से कतारबद्ध तरीके से बाबा मंदिर भेजने की व्यवस्था को प्रारंभ किया गया. दिन के करीब दो बजे तक आये कांवरियों को यहीं से प्रवेश कराया जा रहा था. ढाई बजे से भीड़ कम होने की स्थिति में जलसार चिल्ड्रेन पार्क के पास से ही कांवरियों को तीन बजे तक इंट्री कराया गया. साढ़े तीन बजे से कांवरियों को पट बंद होने तक पंडित शिवराम झा चौक से कतार के माध्यम से सीधे क्यू कॉम्प्लेक्स होते हुए ओवरब्रिज के रास्ते संसकार मंडप होते हुए गर्भ गृह भेजने की व्यवस्था जारी रही.
बाह्य अरघा में भी हजारों की संख्या में जलार्पण जारी
मंदिर प्रशासन की ओर से आये कांवरियों की सुविधा के लिए लगाये बाह्य अरघा का कांवरियों को काफी लाभ मिल रहा है. जलार्पण शुरू होते ही निकास द्वार से सटे लगे इस अरघा में जलार्पण करने वाले कावंरियों का तांता लगा रहता है. मंगलवार को भी भीड़ कम होने के बावजूद यहां हजारों की संख्या में कांवरियों को जलार्पण करते देखा गया.
शिवगंगा सरोवर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने में सभी का सहयोग आपेक्षित : डीसी
विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला, 2022 में आने वाले शिवभक्तों का तांता देवनगरी में लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में बाबा बैद्यनाथ के पूजा-अर्चना करने से पहले श्रद्धालु शिवगंगा में स्नान कर अपने-आप को शुद्ध करते हैं. बाबा के जलार्पण से पूर्व शिवगंगा में स्नान करने का अपना ही महत्व है. ऐसे में शिवगंगा की सफाई एवं जल का शुद्ध होना अतिआवश्यक है.
साफ-सफाई को लेकर सभी की जवाबदेही
शिवगंगा सरोवर की स्वच्छता एवं सुंदरता को बनाये रखने के उद्देश्य से डीसी सह जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भंजत्री ने सभी से अपील करते हुए कहा है कि शिवगंगा सरोवर के अंदर कचरा, कूड़ा, प्लास्टिक आदि डालने वालों को जागरूक करते हुए उन्हें ऐसा न करने के लिए प्रेरित करें, ताकि शिवगंगा सरोवर की महत्ता और स्वच्छता बनी रहे. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शिवगंगा में स्वच्छ जल उपलब्ध कराना जिला प्रशासन का दायित्व है. अपने दायित्व का निवर्हन करते हुए जिला प्रशासन द्वारा शिवगंगा के साथ इसके चारों और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की गयी है. ऐसे में शिवगंगा सरोवर की सफाई को बनाए रखने के उद्देश्य से सभी की जिम्मेदारी एवं जवाबदेही बनती है कि इस सरोवर को सुंदर एवं स्वच्छ बनाएं रखे.
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Posted By: Samir Ranjan.