Sawan 2023: श्रावणी मेले के दौरान मलमास के महीने में पड़ने वाली चौथी सोमवारी 31 जुलाई, 2023 को श्रद्धालुओं को सुलभ और सुरक्षित जलार्पण करवाने के लिए तैयारी दुरुस्त रखें. कांवरिया पथ, होल्डिंग प्वाइंट और रूटलाइन में तैनात प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मुस्तैद रहें. उक्त निर्देश देवघर के नये डीसी विशाल सागर ने कांवरिया पथ दुम्मा से लेकर संपूर्ण रूट लाइन के पैदल भ्रमण के दौरान दिये.
देवघर डीसी ने दिये कई निर्देश
देवघर डीसी ने कहा कि मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र, सूचना सह सहायता केंद्र, ओपी, ट्रैफिक ओपी और पर्यटन केंद्र 24 घंटे एक्टिव रहे. श्री सागर ने टेंट सिटी को हवादार बनाने का निर्देश दिया. निरीक्षण के क्रम में मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त अधिकारी, दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं सुरक्षाकर्मी को निर्देश दिया कि विनम्र भाव से श्रद्धालुओं की सेवा करें, ताकि बाबा बैद्यनाथ की नगरी से श्रद्धालु सुखद अनुभूति लेकर जायें. सोमवारी को लेकर सुरक्षा व्यवस्था, विधी व्यवस्था, साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, कचड़ा उठाव, स्वास्थ्य सुविधा, बिजली आपूर्ति, यातायात व्यवस्था आदि की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इस दौरान उनके साथ डीडीसी डॉ ताराचंद, नगर आयुक्त शैलेंद्र कुमार लाल, सिविल सर्जन डॉ युगल किशोर चौधरी, एनडीसी परमेश्वर मुंडा, डीपीआरओ रवि कुमार, गोपनीय पदाधिकारी विवेक मेहता, डीएसओ अमित कुमार, आपदा प्रबंधन पदाधिकारी राजीव कुमार, पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता सहित सभी प्रमुख विभागों के अफसरों के अलावा एपीआरओ रोहित विद्यार्थी, सिटी मैनेजर सुधांशु शेखर आदि मौजूद थे.
नौलखा का जीर्णोद्धार शुरू, वापस लौटेगी रौनक
इधर, नौलखा मंदिर के जीर्णोद्धार का काम शुरू हो गया है. राजस्थान से आयी टीम ने मंदिर को चमकाने का काम शुरू किया है. उसके बाद बाहरी दीवारों का पॉलिस व वाटर प्रूफ सीलिंग किया जायेगा. रविवार को गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने नौलखा मंदिर में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान सांसद ने एक्सपर्ट से कार्य की जानकारी प्राप्त की व तेजी से काम पूरा करने का निर्देश दिया. सांसद ने कहा कि ऐतिहासिक धरोहर नौलखा की पुरानी रौनक वापस लौटेगी. 90 वर्ष पहले नौ लाख में निर्मित इस नौलखा मंदिर की खूबसूरती फिर से लोगों को आकर्षित करेगी. दिसंबर तक काम पूरा हो जायेगा. काम पूरा होने के बाद नौलखा मंदिर का रंग बालुवाही पत्थर की तरह हो जायेगी, यही नौलखा मंदिर का 90 वर्ष पहले मूल स्वरूप था. राजस्थान के जयपुर से सभी मटेरियल इसमें इस्तेमाल किये जा रहे हैं. इसमें करीब ढाई करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
पुराने लुक में दिखेगा नौलखा मंदिर
सांसद ने कहा कि चारुशिला ट्रस्ट ने जिस पूजा-पाठ व दान के उद्देश्य से इस नौलखा मंदिर का निर्माण कराया था, उस परंपरा को बरकरार रखा जायेगा. नौलखा में लंगर की व्यवस्था का प्रयास भी किया जायेगा. नौलखा मंदिर का ड्रेनेज सिस्टम होगा. कैंपस में गार्डेन, वाटर फाउंटेन व लाइट सहित लोगों के बैठने व शौचालय की सुविधा होगी. दुकानों को बाहर नयी दुकान बनाकर शिफ्ट किया जायेगा. देवघर-सारवां मुख्य सड़क से नौलखा मंदिर होते हुए कोरियासा रोड को कनेक्ट कर दिया जायेगा. दोनों तरफ से श्रद्धालु व पर्यटक आना-जाना कर सकेंगे. नौलखा मंदिर भी देवघर की एक खास पहचान है, इसे फिर से पुराने लुक में लोग देखेंगे. इस मौके पर शिवानंद ब्रह्चारी, जितेंद्र कुमार पांडेय, हरमोहन महापात्रा आदि थे.
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पुरुषोत्तम मास की पहली तेरस पर बाबाधाम में उमड़े श्रद्धालु
रविवार को पुरुषोत्तम मास एवं बंगला सावन के संगम पर कांवरियों का मौसम ने भी साथ दिया. पुरुषोत्तम मास की पहली तेरस पर बाबाधाम आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. कंंधे पर कांवर लिए अलग-अलग जत्थों में कांवरिये झूमते-गाते बाबा नगरी आ रहे हैं. बड़े दिनों बाद हुई बारिश ने छोटे-छोटे बच्चों से लेकर महिलाओं और बुजुर्ग कांवरियों को बड़ी राहत दीं. इधर, कांवरियों से अधिक पुरुषोत्तम मास में आये भक्तों की भीड़ रही. भक्तों की कतार दो-ढाई किमी तक पहुंच गयी थी. भक्तों को सुबह से ही जलसार चिल्ड्रेन पार्क के रास्ते से कतार में भेजने की व्यवस्था जारी रही. दोपहर 12 बजे तक कांवरियों की भीड़ कम होती चली गयी. श्रावण मास की चौथी और बांग्ला श्रावण की दूसरी व पुरुषोत्तम की सोमवारी को लेकर रविवार दोपहर से ही कांवरियों की संख्या में वृद्धि होने लगी. शिवगंगा से लेकर मंदिर तक कांवरियों का रेला बढ़ता देखा गया.
सोमवारी पर रविवार की रात से ही कतारबद्ध होने लगे हैं कांवरिये
सोमवारी पर जलार्पण करने के लिए कांवरिये रात से ही कतारबद्ध होने लगे. सोमवारी को अधिक भीड़ होने की संभावनाओं को देखते हुए रविवार शाम से ही पूरा प्रशासनिक महकमा रूटलाइन में व्यवस्था प्रबंधन में जुटा रहा. बाबा मंदिर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है. जगह- जगह पुलिस बल, पदाधिकारी एवं दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है. श्रद्धालुओं के लिए काफी मात्रा में पानी के पाउच मंगा कर रखे गये हैं. शीघ्र दर्शनम काउंटर पर भी सुबह से ही सुरक्षा के इंतजाम की व्यवस्था किये गये हैं.
जत्थे में बढ़ रहे कांवरिये, बच्चे से लेकर बड़ों में उत्साह
शिवगंगा की ओर आ रहे सीवान के एक परिवार में शामिल तीन छोटे-छोटे बच्चे बाबा नगरिया दूर है, जाना जरूर है… बोलते हुए आगे बढ़ रहे थे. इस दौरान उनके मासूम चेहरों पर बाबा के प्रति निश्छल और नि:स्वार्थ भक्ति देख दूसरे कांवरिये भी उत्साहित हो रहे थे. इनमें छह और आठ साल की उम्र के दो बच्चे तो परिवार के साथ तीन दिनों में पैदल चलकर बाबा धाम पहुंचे हैं. सबसे छोटा वाला तीन साल का बच्चा बम पूरे रास्ते में करीब 10 किलो मीटर तक मां-पिता की गोद में चलकर आया तो कुछ जगहों पर साथ चल रहे कांवरियों ने सहारा दिया. हालांकि, अधिकतर दूरी इसने पैदल चलकर ही पूरी की.
परंपरा के तहत पट खुलते ही हुई बाबा की कांचा जल और सरदारी पूजा
मालूम हो कि हर दिन की तरह बाबा मंदिर का पट सुबह 03:15 बजे खुला. पट खुलने के साथ ही सबसे पहले मां काली के मंदिर में पूजा करने के बाद पुजारी सुमित झा ने बाबा मंदिर का पट खुलवाया. उसके बाद बाबा की कांचा जल पूजा की गयी. कांचा जल से पूजा के उपरांत पुजारी ने भक्तों के बीच फुलेल वितरण कर षोडशोपचार विधि से दैनिक सरदारी पूजा संपन्न करने के बाद अरघा के माध्यम से आम कांवरियों के लिए जलार्पण प्रारंभ कराया गया.
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