Loading election data...

बाबा धाम देवघर में सबसे अलग है मां जगत जननी का मंदिर, तांत्रिक विधि से होती है पूजा

बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रांगण में बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, मां पार्वती सहित विभिन्न देवी-देवताओं के कुल 22 मंदिर अवस्थित हैं. मंदिरों का अपना पौराणिक इतिहास व महत्ता है. इनके बारे में रोचक कहानियां हैं. हर एक मंदिर की जानकारी हम आपको देंगे. आज पढ़ें मां जगत जननी मंदिर के बारे में...

By Prabhat Khabar News Desk | July 5, 2023 2:18 PM
an image

Baba Dham Deoghar: देवघर के बाबा मंदिर में स्थित सभी 22 देवी देवताओं का अलग अलग महत्व है. सभी मंदिरों का अपना पौराणिक इतिहास व महत्ता है. इनके निर्माण व निर्माणकर्ता के बारे में रोचक कहानियां हैं. पहले दिन हमने आपको मां पार्वती मंदिर के बारे में जानकारी दी. आज मां जगतजननी व मां संकष्टा मंदिर के बारे में बताएंगे.

मंदिर के शिखर पर न ही पंचशूल है व न ही कलश

मां जगतजननी व मां संकष्टा मंदिर का अलग महत्व है. भक्त पूजा करने के लिए घंटों कतार में लग कर मां की पूजा करते हैं. यह मंदिर मुख्य मंदिर के दक्षिण-पूर्व कोने की तरफ स्थित मां पार्वती मंदिर व भगवान गणेश मंदिर के बीच में स्थित है. इस मंदिर का आकार बरामदानुमा है. इस मंदिर की लंबाई लगभग 20 फीट व चौड़ाई लगभग 40 फीट है. इस मंदिर के शिखर पर न ही पंचशूल है व न ही कलश. इस मंदिर की बनावट अन्य मंदिरों से अलग है. इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए मंदिर प्रांगण से सर्वप्रथम तीन सीढ़ियों को पार कर भक्त मां जगतजननी मंदिर में प्रवेश करते हैं. इस मंदिर के प्रांगण में बड़ा लोहे का ग्रिल लगा है.

तांत्रिक विधि से की जाती है पूजा

मां जगतजननी मंदिर परिसर प्रवेश करते ही बांयीं ओर मां जगतजननी की दो फीट की सफेद मार्बल की पदमाशन मुद्रा में मूर्ति स्थापित है. इसके अलावा थोड़ा अंदर दायीं ओर दुख व संकट को हरनेवाली मां संकष्टा की काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है. इसके अलावा कई और देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित है. यहां पर मां जगत जननी व मां संध्या की तांत्रिक विधि से पूजा की जाती है. सालोंभर भक्त मां की पूजा कर सकते हैं. माघी पूर्णिमा को भैरव ओझा परिवार की ओर मां की विशेष पूजा व महाश्रृंगार की जाती है. बाबा धाम के इस मंदिर में प्रवेश करते ही भैरो ओझा परिवार के वंशज अपने यजमान को संकल्प पूजा कराने के लिए अपने गद्दी पर रहते हैं.

Also Read: बाबा बैद्यनाथ धाम में मां पार्वती मंदिर का इतिहास है रोचक, गठबंधन की भी है परंपरा

Exit mobile version