देवघर में सरकारी भूमि के सामने सेलेबुल जमीन है तो, सीमांकन के बाद ही मिलेगी एलपीसी
देवघर में अगर वन भूमि व अन्य सरकारी भूमि के सामने सेलेबुल जमीन है तो, पहले इसका सीमांकन कराना होगा. उसके बाद ही इसकी एलपीसी मिलेगी. पहले कई मौजा में रजिस्ट्री के बाद सेलेबल जमीन की घेराबंदी के दौरान सरकारी जमीन का अतिक्रमण पाये जाने के बाद अंचल प्रशासन ने ऐसा कदम उठाया है.
Deoghar News: अगर आपकी सेलेबुल जमीन के पास वन भूमि व अन्य सरकारी भूमि है तो पहले इस जमीन का सीमांकन किया जायेगा, उसके बाद ही सेलेबुल जमीन की एलपीसी दी जायेगी. पहले कई मौजा में रजिस्ट्री के बाद सेलेबल जमीन की घेराबंदी के दौरान सरकारी जमीन का अतिक्रमण पाये जाने के बाद अंचल प्रशासन ने ऐसा कदम उठाया है. देवघर अंचल के जलाथर, करनीबाद मौजा सहित मोहनपुर अंचल के रामपुर, चकश्री मिश्रबांध, गौरीगंज, अमगढ़िया में बड़े पैमाने पर सरकारी व वन भूमि पास ही सेलेबल जमीन भी है. इसमें जलाथर मौजा में अतिक्रमण वाले जमीन को तत्कालीन एसडीओ द्वारा तोड़ना पड़ा था. सरकारी व वन भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए पहले सीमांकन किया जायेगा.
मोहनपुर अंचल के गौरीगंज मौजा में किसी एक व्यक्ति ने एक हजार वर्गफीट सेलेबल जमीन का एलपीसी प्राप्त करने के लिए आवेदन मोहनपुर अंचल कार्यालय में दिया था, लेकिन ठीक इस जमीन के पास वन विभाग की जमीन भी है. मोहनपुर सीओ सुप्रिया भगत डीएफओ को पत्र लिखकर वन भूमि का सीमांकन करने का आग्रह किया है, वन भूमि का सीमांकन होने के बाद गौरीगंज मौजा में उक्त सेलेबल भूमि का एलपीसी जारी किया जायेगा.
कुंडा व बाघमारी मौजा में सरकारी भूमि की होगी भौतिक जांच
देवघर के अंचल के कुंडा मौजा में तालाब के समीप करीब पांच एकड़ सरकारी खास प्रकृति की भूमि के अलावा कटिया व बाघमारी में खास तथा गोचर भूमि की भौतिक जांच राजस्व विभाग द्वारा करायी जायेगी. इन तीन मौजा में एक वर्ष पहले बड़े पैमाने पर गोचर व खास सरकारी भूमि को अवैध तरीके से बेचने की शिकायत मिली है, जिस पर राजस्व शाखा द्वारा जांच का निर्देश दिया गया है.
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