संवाददाता, देवघर : शहर के बिलासी मुहल्ला स्थित एक विवाह भवन में चल रहे दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन का सोमवार को समापन हो गया. सम्मेलन के दूसरे दिन ””मिथिला में उद्योग की संभावनाएं”” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं ने विचार व्यक्त किये. सम्मेलन के अतिथि दरभंगा के सांसद डाॅ गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि मिथिला में उद्योग व व्यवसाय की अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं. उद्योग के लिए जो आवश्यक जरूरतें हैं, वह भी यहां उपलब्ध हैं. उन्होंने उद्योगपति व व्यवसायियों से मिथिला क्षेत्र में उद्योग लगाने का आह्वान किया, ताकि इस क्षेत्र का चौतरफा विकास हो सके.
गोष्ठी में दर्जनों वक्ताओं ने मिथिला व वहां की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला. वक्ताओं ने कहा कि बाजारवाद के इस युग में मिथिला की लोक कला से जुड़े उत्पाद बेरोजगारों का जहां रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं, वहीं इस कला को देश व दुनिया में स्थान मिल सकता है. इसके लिए सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर किये जा रहे प्रयास को लेकर विचार किया गया. वक्ताओं ने कहा कि हिंदू, बौद्ध, इस्लाम धर्म, लोक वेद परंपरा और लोक कथाओं से मिथिला की सभ्यता और संस्कृति सदा से प्रभावित रही है. मिथिला चित्रकला की सिद्धहस्त कलाकार पद्मश्री बउआ देवी, पद्मश्री दुलारी देवी आदि ने जिस प्रकार मिथिला की इस धरोहर कला को यूरोपीय देशों तक पहुंचाया है, यह विश्व स्तर पर मिथिला के लोककला की महत्ता को दर्शाता है. विचार गोष्ठी की अध्यक्षता डाॅ महेंद्र नारायण राम ने तथा संचालन मणिकांत झा ने किया. इस अवसर पर वक्ता के रूप में डाॅ प्रभात नारायण झा, प्रभाष कुमार दत्त, ओमप्रकाश मिश्र, गजेंद्र झा, शंकर नाथ ठाकुर आदि उपस्थित हुए.हाइलाइट्स
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