विधि संवाददाता, देवघर.
एडीजे तीन सह स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत से पॉक्सो केस संख्या 23/2022 का स्पीडी ट्रायल किया गया, जिसमें जामताड़ा जिला के नारायणपुर थाना के दखनीडीह गांव निवासी फागु मिर्धा उर्फ संतोष तुरी को दोषी करार दिया गया. साथ ही विशेष अदालत ने इसे 10 साल की सश्रम सजा सुनायी एवं 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि पीड़िता को देय होगी. अगर आदेशित जुर्माना की राशि भुगतान अभियुक्त नहीं करता है, तो अलग से दो साल की सश्रम सजा काटनी होगी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद भरी अदालत में यह फैसला सुनाया गया. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल ने नौ लोगाें की गवाही कोर्ट में दिलायी एवं दोष सिद्ध करने में सफल रहे. इस केस में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता परशुराम राय ने पक्ष रखा. पीड़िता को महज 26 माह संघर्ष के बाद न्याय मिला.2022 की है घटना, सारठ थाने में दर्ज हुआ है केसदर्ज एफआइआर के अनुसार, सूचक की 15 साल की पुत्री 21 मार्च 2022 को घर से निकली, जो गायब हो गयी. जोरिया में स्नान कर रही कुछ महिलाओं ने आरोपी के साथ जाते हुए देखा था. सारठ थाना क्षेत्र निवासी नाबालिग के पिता ने सारठ थाने में अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म की आशंका जताते हुए केस दर्ज कराया था. केस दर्ज होने के बाद अनुंसधान के क्रम में पुलिस ने लड़की को आरोपी के घर से बरामद कर न्यायालय में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया था, जिसमें घटना की पुष्टि की गयी थी. चार्जशीट दाखिल होने के बाद केस के स्पीडी ट्रायल में अदालत ने आरोपी को अपहरण, दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट की धाराओं में दोषी पाकर उपरोक्त सजा सुनायी व जुर्माना भी लगाया. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
इन धाराओं में पाया गया दोषी
भादवि की धारा- 376(1) में 10 साल की सजा.
भादवि की धारा-363 में- 7 साल की सजा.पॉक्सो एक्ट 4(1) में- 10 साल की सजा.
हाइलाइट्स
* एडीजे तीन सह स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत से आया फैसला
* नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म का लगा था आरोप, जामताड़ा का रहने वाला है अभियुक्त
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