राष्ट्रीय लोक अदालत में 18.61 करोड़ रुपये पर हुआ समझौता, 91487 मामले निष्पादित
न्याय मंडल देवघर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें कुल 17 बेंचों के माध्यम से 91487 मुकदमों का निष्पादन सुलह के आधार पर किया गया.
विधि संवाददाता, देवघर : न्याय मंडल देवघर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें कुल 17 बेंचों के माध्यम से 91487 मुकदमों का निष्पादन सुलह के आधार पर किया गया. साथ ही 18 करोड़ 61 लाख रुपयों का समझौता तय हुआ व लाखों रुपये की नकदी वसूली हुई. इसमें प्री-लिटीगेशन व पेंडिंग केस शामिल हैं. कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय लाेक अदालत पूरे देश में व्यापक पैमाने पर आयोजित किया गया है. इसमें सभी प्रकार के सुलहनीय मामलों की सुनवाई अलग-अलग बेंचों के माध्यम से चल रही है, जिसका भरपूर लाभ लें. यह लोगों की अदालत है, जिसमें पक्षकार अपने मामलों में खुद फैसला लिया करते हैं और अदालत की मुहर लगती है. उन्होंने कहा कि न्याय मंडल देवघर में हर माह लोक अदालत का आयोजन होता है, जिसमें मुकदमों को सरल तरीके से निष्पादित किया जाता है. इस अवसर पर फैमिली कोर्ट के एडिशनल प्रिंसिपल जज धनंजय कुमार, एडीजे प्रथम राजीव रंजन, एडीजे तीन राजेंद्र कुमार सिन्हा, सीजेएम कुमारी जीव, एसीजेएम मीनाक्षी मिश्रा, एसडीजेएम संध्या प्रसाद, अवर न्यायाधीश सप्तम संजीत कुमार चंद्रा, न्यायिक दंडाधिकारी दीपक कुमार, प्रतीक रंजन, बीसी चटर्जी, सृष्टि घई, ऐश्वर्या श्रीवास्तव, मौमिता गुंइन, अधिकारी, मीडियेटर एम मरीक, एलएडीसी के सदस्य, कोर्ट के कर्मचारीगण व सैकड़ों पक्षकार मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन राजकुमार शर्मा ने किया.17 बेंचों के माध्यम से की गयी सुनवाई नेशनल लोक अदालत में प्रीलिटीगेशन व विचाराधीन मामलों की सुनवाई की गयी. इन मामलों की सुनवाई के लिए देवघर न्याय मंडल में 17 बेंच गठित की गयी थी, जिसमें सबसे ज्यादा बैंक लोन से संबंधित मामलों की सुनवाई की गयी. इसमें पक्षकाराें ने सुलह किया व केस का निष्पादन कराया. ऋण से संबंधित निष्पादित मामलों में एसबीआइ, बैंक ऑफ इंडिया, ग्रामीण बैंक, सेंट्रल बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक आदि के थे. बिजली विभाग के मुकदमों की सुनवाई के लिए गठित बेंच में काफी भीड़ लगी थी और सैकड़ों मामले की सुनवाई की गयी और कंपाउंडिंग फीस जमा करने के बाद मामलों का निष्पादन किया गया. हाइलाट्स – लाेक अदालत में पक्षकार खुद फैसला लेते हैं, अदालत की मुहर लगती है : पीडीजे – 17 बेंचों के माध्यम से मामलों की हुई सुनवाई – सिविल कोर्ट परिसर में बनाया गया था पंडाल.
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