यज्ञ व अनुष्ठान सतयुग में, त्रेता में व द्वापर में था उपयोगी, कलयुग में भी प्रासंगिक : शंकराचार्य
चितरा कोलियरी स्थित दुखिया बाबा मंदिर में आयोजित लक्ष्मी गणेश महायज्ञ में शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने कई मसलों पर अपने विचार रखे. उन्होंने यज्ञ में प्रवचन भी किया.
प्रतिनिधि, चितरा. चितरा कोलियरी स्थित दुखिया बाबा मंदिर परिसर में आयोजित लक्ष्मी गणेश महायज्ञ में मंगलवार की रात को काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगत गुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज चितरा पहुंचे, जहां यज्ञ समिति चितरा कोलियरी ट्रस्ट के अध्यक्ष विवेका नारायण देव व अन्य सदस्यों ने प्रतीक चिह्न देकर भव्य स्वागत किया. इस मौके पर शंकराचार्य ने कहा कि यज्ञ सतयुग में उपयोगी था, त्रेता व द्वापर में भी उपयोगी था और कलियुग में भी उपयोगी है. यज्ञ विखंडित समाज को एकता के सूत्र में बांधे रखता है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिस घरों में नारी प्रताड़ित होगी उस घर में कभी शांति नहीं होगी. कहा कि जिस घरों में नारी का सम्मान किया जायेगा, उन घरों में कभी अर्थ की कमी नहीं होगी. कहा कि सभी का नैतिक दायित्व व कर्तव्य बनता है कि दहेज को लेकर बहू बेटियों को जलायें नहीं. कहा कि लक्ष्मी गणेश महायज्ञ में शामिल होने वाले प्रण करें कि दहेज लेकर अपनी बहू बेटियों को नहीं जलायेंगे. शंकराचार्य ने कहा कि उपासना व आराधना छोड़ देने पर जीवन में दरिद्रता आती है. वहीं इस दौरान बताया कि भगवान भास्कर को जलार्पण करने से शरीर निरोग रहता है. शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है. उन्होंने यह भी कहा प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए. वहीं दूसरी ओर उन्होंने राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर राजनीति सेवा है तो फिर वेतन भत्ता क्यों लेते हैं. कहा कि वेतन भत्ता लेना है तो इनका भी योग्यता परीक्षण होना चाहिए.उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए हम सभी को अपने जीवन में एक एक वृक्ष लगाना चाहिए. संचालन राजेश राय ने किया. मौके पर पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह, महाप्रबंधक ए के आनंद, अभिकर्ता उमेश प्रसाद चौधरी, योगेश राय यज्ञ समिति के दर्जनों सदस्य उपस्थित थे.
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