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गोवंश की हत्या रोकने का दायित्व पीएम का बताने वाले महान आत्मा आज प्रधानमंत्री है, क्यों नहीं लेते फैसले : स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज

देवघर जिले के कुकराहा में आयोजित श्रीश्री 108 शिवशक्ति महायज्ञ में पहुंचे गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर श्रीमज्जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज का यज्ञ समिति ने भव्य स्वागत किया. वह मधुपुर स्टेशन पर उतरे जहां सैकड़ों लोगों ने उनका स्वागत किया.

सारठ . भारत में अनेक देशों की समस्याओं के समाधान का रास्ता है. भारत पहले भी विश्वगुरु था, आज भी है और रहेगा. उक्त बातें गोवर्धन मठ पुरी (ओडिशा ) के पीठाधीश्वर श्री मज्जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने शनिवार को देवघर जिले के कुकराहा में पत्रकारों से प्रेस कॉफ्रेंस में कही. कुकराहा में आयोजित श्रीश्री 108 शिव शक्ति महायज्ञ में शामिल होने के लिए वह शनिवार को पहुंचे. इससे पहले मधुपुर स्टेशन पर सैकड़ों लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया. उन्होंने कहा जब भी विश्व मे किसी प्रकार की समस्या आती है तो उसका समाधान भारत ही निकालता है. वर्ष 1999 में विश्व बैंक के पास कुछ ऐसी समस्या थी जिसका निराकरण के लिए एक महिला अधिकारी को भारत भेजा गया था और उस समय भारत ने विश्व बैंक की समस्या का समाधान किया. भारत विश्व का हृदय है, जहा जगदीश जन्म लिए है. भारत शूरवीरों व देशभक्तों का देश है, भारत को कोई भी कितना ही दिशाहीन करना चाहे भारत ऐसा देश है कि दिशाहीन कभी हो नही सकता.

सता लोलुपता के कारण धर्महीन राजनीति उद्देश्यों से हुई दूर

गो- हत्या नही रुकने के सवाल पर कहा कि आज बैलों का उपयोग नही होने लगा है. किसान हल से बैल को व बैलगाड़ी से बैल को हटा कर यंत्रों को इस्तेमाल में ला रहे हैं और गोवंश का उपयोग नहीं होने लगेगा है. वह विलुप्त होगा ही. इसके लिए शासन के साथ किसान भी जिम्मेवार है.उन्होंने कहा कि आज के पीएम जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे,उस वक्त पीएम मनमोहन से सीएम गुजरात ने कहा था कि गोवंश हत्या को दूर करने का दायित्य पीएम का होता है. उस समय पीएम मनमोहन सिंह ने उनकी बातों की अनसुनी की. लकेिन आज वही महान आत्मा पीएम है, फिर गोवंश हत्या पर रोक क्यों नहीं लगा रहे हैं. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि आज की राजनीति और धर्म एक दूसरे के पूरक है. राजनीति धर्म नीति शास्त्र, दंड नीति इसी का नाम राजनीति है. आज की राजनीति दिशाहीन हो गयी है, सत्ता लोलुपता में धर्महीन राजनीति अपने उद्देश्य से दूर हो चुकी है.

धार्मिक व आध्यात्मिक क्षेत्र में हस्तक्षेप सरकारी तंत्र की दिशाहीनता

सनातन के अर्ध के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले स्कूलों में वेदो की शिक्षा देनी चाहिए, जिससे बच्चों के जीवन शैली में सुधार आये. हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित हो. हर व्यक्ति का जीवन स्तर बदले, जनसंख्या पर नियंत्रण बिना परिवार नियोजन के हो, देश में मातृ शक्ति सुरक्षित हो, यही सनातन है. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी ने सरकारों के मंदिरों को अपने अधीन लेने के मामले में कहा की सुप्रीम कोर्ट के एक जस्टिस ने स्प्ष्ट कहा है कि धार्मिक, आधायत्मिक क्षेत्र में सरकार को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नही होना चाहिए, झारखंड के पारसनाथ जैन संत के स्थान को भी केंद्र सरकार ने पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया था, जब आवाज उठी तो सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा. तीर्थस्थल, तपो स्थली, मंदिरों को पर्यटन स्थल घोषित करने का होटलवाले, दुकानदार या कुछ कारोबारी पक्षधर हो सकते है पर यह सरकारी तंत्र की दिशाहीनता स्वाभाविक है. प्रेस कॉन्फेंस के वक्त ऋषिकेश ब्रह्मचारी, चंद्र भूषण पाठक, सहदेव पोद्दार, कृष्ण कुमार समेत कई मौजूद थे.

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