विकास के नाम पर पर्यावरण का दोहन बंद हो: शंकराचार्य

सारठ के कुकराहा में आयोजित श्री 108 शिव शक्ति महायज्ञ के दौरान शनिवार की रात्रि पुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने विशाल हिंदू राष्ट्र सभा को संबोधित किया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 8, 2024 6:47 PM

प्रतिनिधि,चितरा: थाना क्षेत्र के कुकराहा में आयोजित श्री 108 शिव शक्ति महायज्ञ के दौरान शनिवार की रात्रि पुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने विशाल हिंदू राष्ट्र सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति में प्रार्थना की जाती है कि सभी सुखी व संपन्न रहें. हमारे अंदर वसुधैव कुटुंबकम की भावना है. यहां की धरती ने राष्ट्रवीरों, शूरवीरों, मनीषियों, देवताओं को जन्म दिया है. भारत पूरे विश्व का हृदय है, कण कण में ईश्वर का वास है. विश्व की कोई ताकत भारत को अस्त व्यस्त नहीं कर सकती है. धर्म और राजनीति को एक दूसरे का पूरक बताते हुए कहा कि आज की राजनीति दिशाहीन है, सत्तालोलुपता हावी और प्रभावी है.

आज के दौर में विकास और पर्यावरण को नये सिरे से परिभाषित करने की आवश्यकता है. प्रकृति में विकृति लाकर हम विकास नहीं कर सकते.

मातृशक्ति की सुरक्षा, सबको शिक्षा, बिना परिवार नियोजन के जनसंख्या नियंत्रण, स्कूलों में वैदिक शिक्षा पर जोर देने की बातें कही. साथ ही

उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि पेट और परिवार तक ही सीमित न रहें. सभी अपने समाज के दायित्व को भी समझें.

सेवा को मूल भावना बनायें

पुजारी मठों और मंदिरों को शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बनाएं. धर्म प्रचार और सामाजिक कार्य को बढ़ावा दें. सेवा को मूल भावना बनाएं, नास्तिकता को दूर करें, विकास के नाम पर वन और वनवासी बर्बाद न हो. स्मार्ट सिटी के नाम पर प्रकृति का दोहन बंद किया जाय. उन्होंने यह भी कहा कि राजनेता जानबूझकर गरीबी पालते हैं. इसके लिए जीवन में क्रांति लाने की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि भागवत भजन करने वाला व्यक्ति हमेशा सुखी रहता है. कहा कि चाह का असली विषय ईश्वर है. इस मौके पर यज्ञ समिति के अध्यक्ष, सचिव समेत सभी सदस्य व अधिकारीगण उपस्थित थे.

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