Sawan 2020 : देवघर : कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) के साये में सावन (Sawan) का पहला दिन बाबा बैद्यनाथ मंदिर के लिए इतिहास रचने वाला रहा. ऐसा पहली बार हुआ कि बाबा मंदिर में आम श्रद्धालु नहीं दिखे. न कांवरियों का रेला और न बोल बम (Bol bam) का जयघोष. हर तरफ सन्नाटा रहा. अहले सुबह 3.45 बजे बाबा मंदिर का पट खुला तथा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच चुनिंदा मंदिर पुरोहितों ने बाबा बैद्यनाथ की विशेष पूजा की. लगभग 45 मिनट तक चली इस विशेष पूजा में सिर्फ पुजारियों ने ही हिस्सा लिया.
बाबा मंदिर सावन के पहले दिन सन्नाटा इसलिए भी था, क्योंकि रविवार (5 जुलाई, 2020) को ही मंदिर और आसपास के इलाके में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला है. उसके बाद इस एरिया के लोगों में कोरोना संक्रमण का भय व्याप्त है. रोजाना की भांति सावन की पहली सोमवारी पर कम तीर्थ पुरोहित भी मंदिर पहुंचे.
पहली सोमवारी पर बाबा मंदिर का पट प्रात: 3:45 बजे पट खुलते ही, परंपरा के अनुसार भोलेनाथ पर पुरोहित समाज की ओर से कांचा जल चढ़ाया गया. उसके बाद सुबह 4:45 बजे से पुजारी विनोद झा ने विधि- विधान पूर्वक सरदारी पूजा प्रारंभ की. 5.30 बजे तक पूजा हुई. उसके बाद मंदिर में मौजूद पुरोहितों की ओर से बाबा को जलार्पण किया गया. सुबह 7 बजे मंदिर का पट बंद कर दिया गया.
बाबा मंदिर की व्यवस्था को देखने के लिए पहली सोमवारी को स्वयं संताल परगना डीआइजी नरेंद्र कुमार सिंह, डीसी नैंसी सहाय एवं एसपी पीयूष पांडे मंदिर पट खुलने के पूर्व ही पहुंच गये थे. मंदिर पहुंचते ही तीनों अधिकारियों ने परिसर में घूम कर जगह- जगह तैनात दंडाधिकारियों के साथ पुलिस अधिकारी एवं जवानों को दिशा- निर्देश दिया. डीसी ने स्वयं अपने सामने ही बाबा मंदिर का पट खुलवाया और सभी पूजा को संपन्न कराने के बाद सुबह 7 बजे मंदिर का पट बंद कराया.
वहीं, कुछ स्थानीय लोगों ने डीसी से कपाट को सुबह 9 बजे तक खुले रखने की अपील की. जिसे डीसी नैंसी सहाय ने मना कर दिया. डीसी ने कहा कि जब आम भक्तों के लिए कपाट खोलने का आदेश है ही नहीं, तो सुबह 9 बजे तक कपाट खोलने का मतलब भीड़ को बढ़ावा देना होगा. इसलिए हर दिन परंपरा अनुसार पूजा के बाद कपाट को 7 बजे तक बंद कर दिया जायेगा. उसके बाद तीनों अधिकारी ने बाबा मंदिर के सभी मुख्य गेट बंद होने तक मंदिर के कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के जरिए करीब 1-1 घंटे तक मॉनिटरिंग की.
पूर्व से चली आ रही परंपरा के अनुसार, सावन महीने में रात 8 बजे बाबा पर बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा में भी बदलाव करने का आदेश दिया गया है. मंदिर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार बाबा मंदिर में बेलपत्र प्रदर्शनी के बाद रात में 8 बजे चढ़ाने वाली परंपरा को बंद करने की अपील डीसी ने की है. डीसी ने पुरोहित समाज के बेलपत्र समाज वाले को सुबह सरकारी पूजा के बाद ही बाबा का बेलपत्र पूजा संपन्न करने को कहा है. ज्ञात हो कि संक्रांति से ही बेलपत्र पूजा प्रारंभ हो जायेगा.
Posted By : Samir ranjan.