देवघर में श्रावणी मेले को लेकर जोरों पर तैयारी, कांवरियों को इस बार मिलेगी ये खास सुविधा
वर्तमान समय में लगभग 11,000 एलइडी स्ट्रीट लाइट, 25 मिडिल मास्ट लाइट एवं 49 हाई मास्ट लाइट लगी हुईं हैं. पुरानी व खराब लाइटों को बदल दिया जायेगा. सभी पोलों पर एक सप्ताह में नयी एलइडी लाइट गलाने के निर्देश दिये गये हैं
श्रावणी मेले में कांवरियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते ही देवघर नगर निगम द्वारा रोशनी की मुकम्मल व्यवस्था की जा रही है. कांवरिया रूट लाइन में हर पोल पर एलइडी लाइटें लगायी जायेंगी. शहर के मुख्य पथ के सभी पोल में लाइट का प्रबंध रहेगा. नगर आयुक्त शैलेंद्र कुमार लाल ने कहा कि इस वर्ष श्रावणी मेला में पहले से अधिक अच्छी व्यवस्था देखने को मिलेगी.
वर्तमान समय में लगभग 11,000 एलइडी स्ट्रीट लाइट, 25 मिडिल मास्ट लाइट एवं 49 हाई मास्ट लाइट लगी हुईं हैं. पुरानी व खराब लाइटों को बदल दिया जायेगा. सभी पोलों पर एक सप्ताह में नयी एलइडी लाइट गलाने के निर्देश दिये गये हैं. इसके लिए एक हजार एलइडी लाइट खरीदने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि कांवरिया रूट लाइन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. नगर निगम द्वारा पांच टीम बनाये गये हैं. सभी टीम शहरी क्षेत्र के विभिन्न मुहल्ले व गलियों के पोलों में लाइट रिपेयर करने में लगी है.श्रावणी मेला के एक सप्ताह पहले तक कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा.
कांवरिया रूट लाइन में तैयार हो रहे डोम पंडाल
इस बार कांवरियों को बाबा नगरी में नया अनुभव मिलेगा. भक्तों के स्वागत में जिला प्रशासन तैयारी में जुट गया है. शिवभक्तों को अधिकाधिक सुविधा देने के ख्याल से रूट लाइन में पानी, बिजली, रोशनी की व्यवस्था की जा रही है. पूरे रूट लाइन में कांवरियों को धूप और बारिश से बचाने के लिए शेड लगाया जा रहा है. इसके लिए दिन-रात काम चल रहा है.
कांवरियों की कतार लंबी होने पर कुमैठा से विलियम्स टाउन बीएड कॉलेज वाया नेहरू पार्क मंदिर प्रवेश कराया जायेगा. इसे देखते हुए पं शिवराम झा पथ से कुमैठा तक रूट लाइन में त्रिपाल लगाया जा रहा है. इसके लिए दिन-रात जोरशोर से काम चल रहा है. इस अवसर पर पं शिवराम झा पथ से जलसार तक डोम पंडाल का आकार दिया जा रहा है. हदहदिया पुल से बरमसिया के कुछ आगे तक बांस लगाये जा रहे हैं.
इसके बाद पुन: लोहे का पाइप लगाया जा रहा है. सभी जगहों पर त्रिपाल लगाया जा रहा है. नंदन पहाड़ के उत्तर दिशा से पश्चिम दिशा तक की सड़कों में लोहे का पाइप बिछाया जा रहा है. इसके ऊपर टीन का शेड बिछाया जा रहा है. इसके बाद पूरे रास्ते में बांस और ऊपर त्रिपाल बिछाया जा रहा है.