PHOTOS: बोल बम के जयकारे से गूंज रहा देवघर, देखते बन रहा कांवरियों का उत्साह
देवघर: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है झारखंड के देवघर का बाबा बैद्यनाथ धाम. इसे मनोकामना लिंग भी कहते हैं. कहते हैं कि यहां आकर भक्त जो मांगता है, भगवान भोलेनाथ उसे जरूर पूरी करते हैं. देवघर में हर साल श्रावणी मेला लगता है. बोल बम व हर-हर महादेव के जयकारे से देवघर गूंजायमान है.
देशभर से लाखों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करने आते हैं. इस साल मलमास की वजह से श्रावण मेला दो माह का है. बाबाधाम की तरह झारखंड के दुमका स्थित बासुकीनाथ मंदिर भी प्रसिद्ध है. देवघर आने वाले श्रद्धालु बासुकीनाथ जरूर जाते हैं. बासुकीनाथ को फौजदारी बाबा भी कहा जाता है.
देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक है. यह एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जो शक्तिपीठ भी है. यानी एकमात्र ऐसा धाम जहां शिव और शक्ति दोनों एक साथ विराजमान हैं. इसे शिव और शक्ति का मिलन स्थल भी कहा जाता है.
कहते हैं कि बाबा धाम आने वाले भक्तों की सभी मन्नतें जरूर पूरी होती है. जिसके कारण मंदिर में स्थापित शिवलिंग को कामना लिंग भी कहा जाता है. सावन के महीने में बिहार के भागलपुर जिला में स्थित सुल्तानगंज की उत्तर वाहिनी गंगा से भक्त गंगाजल लेकर कांवर उठाते हैं और बोल बम, बोल बम करते हुए पैदल देवघर तक 107 किलोमीटर की कांवर यात्रा करके देवघर स्थित बाबाधाम में बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करते हैं.
राजकीय श्रावणी मेला 2023 कई मायनों में खास है. इस कड़ी में प्रसाद योजना के तहत कांवरिया पथ में देवतुल्य श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आध्यात्मिक भवन में जिला प्रशासन द्वारा नि:शुल्क आवास की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.
श्रद्धालुओं के रहने की सुविधा के साथ पेयजल, शौचालय, मोबाइल चार्जिंग, स्नानागार आदि की नि:शुल्क व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की गई है. इसके अलावा 07 एकड़ भूखंड में बने आध्यात्मिक भवन में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं.
एक तरफ जहां देवघर में जलाभिषेक के लिए कांवरियों की भीड़ लगी रही, वहीं राजकीय श्रावणी मेले के चौथे दिन शुक्रवार को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. सुबह 2:55 बजे बाबा बासुकिनाथ के गर्भगृह का पट खोला गया. तीन बजे भोर से ही मंदिर प्रांगण में कांवरियों की भीड़ लगी रही. सरकारी पूजा के बाद गर्भगृह का पट कांवरियों के जलार्पण के लिए खोल दिया गया. दुमका स्थित बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में 41 हजार कांवरियों ने जलाभिषेक किया.