इस बार श्रावणी मेला होगा और खास, जानें नयी व्यवस्था में हैं क्या-क्या इंतजाम

चार जुलाई से श्रावणी मेला शुरू हो रहा है. इस बार का मेला इसलिए भी खास है, क्योंकि इस बार मलमास लगने के कारण दो माह तक श्रावणी मेला चलेगा. इसके अलावा इस बार नयी व्यवस्था से सुविधाएं बढ़ेंगी. श्रावणी मेला 2023 में नया क्या होगा, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

By Prabhat Khabar News Desk | June 23, 2023 3:44 PM

Shravani Mela 2023: चार जुलाई से श्रावणी मेला शुरू हो रहा है. इस बार का मेला इसलिए भी खास है, क्योंकि इस बार मलमास लगने के कारण दो माह तक श्रावणी मेला चलेगा. उसी के अनुसार प्रशासन भी तैयारी में जुट गया है. इस श्रावणी मेले में भक्तों की सुविधा बढ़ाने व भीड़ नियंत्रण के लिए कई नयी व्यवस्थाएं दिखेंगी. जिनमें पहली बार डिजिटल मिस्ट कूलिंग सिस्टम, शीघ्रदर्शनम कतार व व्यवस्था में बदलाव, नेहरू पार्क से लेकर बाबा मंदिर तक तीन जगहों पर डिजिटल इसीजी की व्यवस्था आदि शामिल हैं. वहीं जलापूर्ति की व्यवस्था में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए एक बोरिंग की स्वीकृति प्रदान की गयी है. इस बार नयी व्यवस्था से सुविधाएं बढ़ेंगी. श्रावणी मेला 2023 में नया क्या होगा, इस पर प्रस्तुत है विशेष आयोजन…

सुविधा केंद्र के पीछे गली से लगेगी शीघ्रदर्शनम की कतार

श्रावणी मेले में शीघ्रदर्शनम की कतार का संचालन पहले की तरह नाथबाड़ी से ही किया जायेगा, लेकिन नाथबाड़ी से निकलने के बाद भक्तों को सुविधा केंद्र के पीछे वाली गली से हाेते हुए सुविधा केंद्र के पीछे वाले रास्ते से बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन में प्रवेश कराया जायेगा. पहले इस कतार को पश्चिम दरवाजे से लाया जाता था. वहीं पार्वती मंदिर में जलार्पण करने वाले भक्तों की कतार भी इसी रास्ते से गुजरने के कारण भक्तों में ऊहापोह की स्थिति बन जाती थी. इसे खत्म करने के लिए कूपन लेने वाले भक्तों की कतार के रास्ते को बदला गया है.

तीन जगहों पर रहेगी डिजिटल इसीजी की व्यवस्था

जानकारी के अनुसार, इस बार बाबा मंदिर प्रशासन कांवरियों के स्वास्थ्य को लेकर काफी गंभीर है. मंदिर प्रशासक सह डीसी मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार मंदिर प्रशासन नेहरू पार्क, क्यू कॉम्प्लेक्स व बाबा मंदिर ट्रामा सेंटर में डिजिटल इसीजी मशीन लगायेगी. अगर किसी कांवरिया को किसी तरह की परेशानी होगी, तो उनकी तुरंत इसीजी की जायेगी. इसकी रिपोर्ट ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के मोबाइल में आ जायेगी, उसके बाद डॉक्टर की सलाह पर उसके इलाज की व्यवस्था होगी.

मिस्ट कूलिंग सिस्टम का रहेगा इंतजाम

बाबा मंदिर में इस बार मिस्ट कूलिंग सिस्टम की व्यवस्था पूरी तरह से डिजिटल होगी. पहले यह पानी के फव्वारे की तरह काम करता था, लेकिन इस बार यह व्यवस्था नेहरू पार्क से लेकर मंदिर के संस्कार मंडप तक रहेगी, जो ह्यूमिडिटी के अनुसार चलेगा. जैसे ही उस जगह पर उमस भरी गर्मी का एहसास होना प्रारंभ हो जायेगा, मिस्ट कूलिंग सिस्टम अपनेआप चलने लगेगा. इससे पानी का फव्वारा नहीं बल्कि फॉग निकलेगी, जो पूरे माहौल को ठंडा कर देगा. वहीं मौसम बदलने पर यह पुन: बंद हो जायेगा. इससे कांवरियों को ताजगी तो मिलेगी ही, साथ ही थकावट का भी एहसास नहीं होगा

पुरोहितों का तैयार होगा डाटाबेस

शीघ्रदर्शनम कूपन जारी करने के समय त्वरित बिलिंग के लिए पुरोहित का नाम, पता, संपर्क नंबर और विशेष कोड का पूरा डाटाबेस कंप्यूटर से तैयार किया जायेगा. साथ ही गलत कार्ड के विवाद से बचने के लिए प्रत्येक लेन-देन पर रसीद में कार्ड नंबर का उल्लेख किया जायेगा. प्रत्येक पुरोहित को कार्ड के साथ एक रसीद भी मिलेगी. वहीं काउंटर पर स्क्रिन भी लगाया जायेगा. सभी लेन-देन एक सॉफ्टवेयर डाटा बेस में सहेजे जायेंगे और जब भी आवश्यक हो, इसे पुन: प्राप्त किया जा सकता है. कार्डों के बारे में पता लगाने के लिए स्कैन किया जा सकता है कि यह कब जारी किया गया था. रसीद का विवरण, पुरोहित का नाम, इसे किसे जारी किया गया था, आदि. काउंटर पर प्रत्येक कर्मचारी के पास अपना व्यक्तिगत यूजर आईडी और पासवर्ड होगा. उनके द्वारा किये गये प्रत्येक लेन-देन का विवरण एकत्र किया जायेगा. इसके अलावा कई प्रकार की रिपोर्ट तैयार की जायेगी जैसे पुरोहिवार, स्टाफवार, स्टॉकवार, दैनिक रिपोर्ट, मासिक रिपोर्ट आदि. नयी व्यवस्था में किसी तरह का फर्जीवाड़ा कर पाना संभव नहीं होगा. अगर कोई कार्ड को दूसरे दिन उपयोग करना चाहेगा, तो स्कैन करते ही पकड़ में आ जायेगा कि ये किसके नाम से जारी हुआ था और कब हुआ. किस काउंटर से किसने जारी किया. उसके बाद उपयोग करने वाले संबंधित पर कार्रवाई की जायेगी.

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