देवघर : श्रावणी मेले उफान पर है. बाबा दरबार में कांवड़ियों का रेला लगा हुआ है. सावन की तीसरी सोमवारी का असर मंगलवार को भी दिखा और कतार का संचालन पांच किमी दूर बीएड कॉलेज से किया गया. इस दौरान भक्तों का तांता लगा रहा तथा कुल 1.89 लाख कांवरियों ने अरघा से बाबा पर जलार्पण कर मंगलकामना की. वहीं शीघ्र दर्शनम कूपन लेने वालों की काफी भीड़ देखी जा रही है.
![Shravani Mela: बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करने के बाद भक्तों में नयी उर्जा का संचार, झूमते हुए निकलते हैं दरबार से, देखें तसवीरें 1 Baba Baidyanath](https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/baba-baidyanath-1024x683.jpg)
कांवरियों में हो रहा है नयी उर्जा का संचार
बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण और बाबा के दर्शन से कांवरियों को एक नयी ऊर्जा का संचार हो रहा है और वे बाबा मंदिर से झूमते हुए बाहर निकल रहे हैं. बाबा पर जलार्पण कर बाहर निकलने वाले कांवरियों का कहना है कि बाबा के दर्शन मात्र से पूरी थकान दूर हो जाती है और शरीर में उत्साह भर जाता है. जलार्पण कर बाहर निकले आजमगढ़ से आये रोहित यादव ने बताया कि यह कोई मामूली दरबार नहीं है.
![Shravani Mela: बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करने के बाद भक्तों में नयी उर्जा का संचार, झूमते हुए निकलते हैं दरबार से, देखें तसवीरें 2 Baba Baidyanath 7353](https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/baba-baidyanath-7353-1024x683.jpg)
बाबा को जलार्पण करने के बाद नहीं लगती है थकावट
बड़े से बड़े नास्तिक एक बार इस दरबार में आकर सच्चे मन से जलार्पण कर देखे तो उनको एहसास हो जाएगा कि बाबा दरबार की क्या महात्म है. 105 किलोमीटर तक नंगे पांव पैदल कांवर लेकर आने के बाद कांवरियों के शरीर में जो थकावट होती है इसका वर्णन कर पाना मुश्किल है, लेकिन जैसे ही जलार्पण होता है मंदिर के बाहर निकलते ही शरीर में नयी ऊर्जा का संचार होने लगता है. पांव में दर्द जरूर रहता है, लेकिन थकावट नहीं लगती.
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![Shravani Mela: बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करने के बाद भक्तों में नयी उर्जा का संचार, झूमते हुए निकलते हैं दरबार से, देखें तसवीरें 3 Baba Baidyanath 994](https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/baba-baidyanath-994-1024x683.jpg)
सोमवार को 50 हजार कांवरिये नहीं कर पाये थे जलार्पण
तीसरी सोमवारी को बाबा मंदिर में अप्रत्याशित भीड़ उमड़ी थी. अत्यधिक भीड़ होने तथा समय कम रहने के कारण करीब 50 हजार कांवरिये सोमवार को जलार्पण करने से वंचित रह गये थे. सभी कांवरिये सोमवार को पूरी रात कतार में ही मंगलवार को बाबा का पट खुलने तक इंतजार में रूके रहे. मंगलवार सुबह मंदिर का पट चार बजे खुला तथा कांचा जल पूजा व दैनिक सरदारी पूजा के बाद सुबह करीब पांच बजे से जलार्पण प्रारंभ हुआ. काफी भीड़ के कारण कांवरियों को सुबह से लेकर देर शाम सात बजे तक बीएड कॉलेज से कतारबद्ध कर मंदिर भेजने की व्यवस्था जारी रही.
![Shravani Mela: बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करने के बाद भक्तों में नयी उर्जा का संचार, झूमते हुए निकलते हैं दरबार से, देखें तसवीरें 4 Baba Baidyanath 737](https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/baba-baidyanath-737-1024x683.jpg)
अबतक की सबसे अधिक कूपन की हुई बिक्री
सोमवार को कांवरियों का अधिक बैक लॉग रहने का असर मंगलवार को देखा गया. सुबह आठ बजे से शीघ्रदर्शनम का काउंटर खुलते ही कूपन लेने वाले कांवरियों की भीड़ लग गयी. इस व्यवस्था में इतनी भीड़ हो गयी कि कूपन वाले कांवरियों की कतार बाबा मंदिर परिसर से बाहर निकलकर कर पेड़ा गली की ओर चली गयी. इस साल में सावन में सबसे अधिक मंगलवार को 11300 लोगों ने कूपन लेकर जलार्पण किया. वहीं बाबा मंदिर का पट बंद होने तक कुल 189635 लोगों ने जलार्पण किया, जिसमें मुख्य अरघा के माध्यम से 1,19,856, बाह्य अरघा से 58,479 तथा कूपन के माध्यम से 11300 कांवरियों ने बाबा पर जल चढ़ाया.
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