श्रावणी मेले में श्रद्धालुओं को शीघ्रदर्शनम गेट से कैसे मिलेगी इंट्री, प्रशासन कर रहा है डिजिटल व्यवस्था
श्रावणी मेले के दौरान शीघ्रदर्शनम गेट पर भीड़ नहीं लगे, इसके लिए इंट्री गेट को हाइटेक बनाया जा रहा है. यहां न तो टिकट स्कैनिंग के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगेगी और न ही इस सिस्टम में भीड़ होगा
देवघर : झारखंड के बाबा मंदिर में भक्तों की इंट्री के लिए डिजिटल व्यवस्था कर रहा है. दरअसल शीघ्रदर्शनम गेट पर भीड़ न लगे इसके लिए इंट्री गेट को हाइटेक बनाया जा रहा है. श्रावणी मेले में इस बार न तो टिकट स्कैनिंग के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगेगी और न ही इस सिस्टम में भीड़ होगा. भक्तों के हाथों में कागज पर बार कोड लगे कूपन की जगह आरएफडी डिजीटल स्मार्ट कार्ड होगा. निगरानी के लिए एक-दो लोग सिर्फ गेट पर नजर रखने के लिए खड़े रहेंगे.
मंदिर प्रशासन 40 लाख रुपये खर्च कर मेट्रो गेट की तरह आठ इंट्री गेट लगवा रहा है. इसका टेंडर पटना की टेलीकॉम कंपनी ने लिया है. कंपनी की ओर से मंगलवार की देर रात को सारे उपकरण को मंदिर पहुंचा दिया गया. रविवार को पूरे सिस्टम को इंस्टॉल कर सोमवार से इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया जायेगा. ट्रायल के लिए पांच हजार आरएफडी डिजिटल स्मार्ट कार्ड लाया गया है.
हर मिनट 80 लोग गेट से करेंगे प्रवेश :
इस संबंध में कंपनी के निदेशक रवींद्र सिंह ने बताया कि हर गेट से प्रति मिनट आठ से 10 लोग इंट्री करेंगे. देखा जाये तो सभी गेटों को मिलाकर प्रति मिनट 80 लोग गेट से प्रवेश करेंगे. हर घंटे साढ़े चार हजार से अधिक लोगों को इस सिस्टम से जलार्पण कराया जा सकता है.
कैसे करेगा काम :
भक्तों को एटीएम कार्ड की तरह कूपन मिलेगा. गेट पर पहुंचते ही कार्ड को गेट में बने बॉक्स में डालना होगा. कार्ड के डालते ही मशीन के अंदर चला जायेगा और गेट खुल जायेगा. उस कार्ड को दोबारा दूसरे दिन उपयोग करने के लिए साफ्टवेयर में री-प्रोग्रामिंग कर उपयोग किया जायेगा. इससे मंदिर को कूपन छपवाने व बार कोड आदि पर खर्च नहीं करना पड़ेगा. कार्ड में किसी तरह का फर्जीवाड़ा संभव नहीं है.
कूपन जारी होने की सूचना तुरंत मंदिर व पंडा धर्मरक्षिणी सभा को भी होगी, इसका इंतजाम किया जा रहा है. एक बार कार्ड जारी होने के बाद उपयोग होने के उपरांत ही री-प्रोग्रामिंग किया जा सकता है. जिस तिथि के लिए कार्ड का रि-प्रोग्रमिंग किया जायेगा, उसी तिथि में काम करेगा. इसके लिए अधिकारी द्वारा स्वीकृति देने के बाद ही बिना उपयोग वाले कार्ड की री प्रोग्रामिंग संभव हो पायेगी. कंपनी के निदेशक ने बताया कि कंपनी की ओर से मशीन की एक साल की वारंटी दी गयी है. श्रावणी मेले में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए कंपनी की ओर से एक कर्मी मौजूद रहेगा.
मंदिर कर्मचारियों को दिया जायेगा प्रशिक्षण
इस सिस्टम को संचालित करने के लिए मंदिर कर्मचारियों को कंपनी द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा. जिसमें कार्ड जारी करने, री-प्रोग्रामिंग करने आदि के बारे में बताया जायेगा. कार्ड जारी करने के लिए सभी कर्मचारियों का अपना-अपना आइडी पासवर्ड होगा, ताकि कार्ड जारी होने के बाद किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो. आइडी पासवर्ड से पता चल जायेगा कि किस कर्मचारी ने कार्ड जारी किया है.
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अब भक्तों को कूपन नहीं, मिलेगा आरएफडी स्मार्ट कार्ड
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नहीं रहेगी किसी तरह की फर्जीवाड़ा की संभावना
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कूपन लेकर इंट्री करने के लिए बनाये जा रहे हैं आठ गेट
Posted By: Sameer Oraon