श्रावणी मेला: झारखंड-बिहार को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक, श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने के लिए बनी ये रणनीति
संथाल परगना आयुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि श्रावणी मेला के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु देवघर व दुमका आते हैं. ऐसे मे श्रद्धालुओं को व्यवस्थित व सुगमतापूर्वक से जलार्पण कराना प्रशासन के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है.
देवघर: राजकीय श्रावणी मेला 2023 के सफल संचालन के लिए सुल्तानगंज से देवघर तक श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर सुविधा व सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था हो एवं दोनों राज्यों के बीच कैसे को-ओर्डिनेशन मजबूत हो, इसके लिए झारखंड एवं बिहार इंटरस्टेट को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक का आयोजन संथाल परगना आयुक्त लालचन्द डाडेल की अध्यक्षता में शनिवार को देवघर परिसदन के सभागार में आयोजित हुई. इस दौरान उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री द्वारा मौके पर उपस्थित संथाल परगना प्रमंडल व भागलपुर प्रमंडल के कमिशनर के अलावा बिहार व झारखंड के उपायुक्त, पुलिस अधिक्षक एवं आलाधिकारियों का स्वागत किया गया. संथाल परगना आयुक्त एल लालचन्द डाडेल ने बताया कि सुल्तानगंज से जल भरने के बाद श्रद्धालुओं द्वारा जिन-जिन स्थानों से होकर पैदल यात्रा की जाए, वहां श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध करायी जा सके. इसके लिए कांवरिया मार्ग में पड़ने वाले सभी जिलों द्वारा आपसी समन्वय स्थापित कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं, ताकि श्रद्धालु सुगमतापूर्वक जलार्पण कर पायें और उन्हें किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना न करना पड़े.
श्रद्धालुओं को नहीं हो किसी तरह की परेशानी
संथाल परगना आयुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि श्रावणी मेला के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु देवघर व दुमका आते हैं. ऐसे मे श्रद्धालुओं को व्यवस्थित व सुगमतापूर्वक से जलार्पण कराना प्रशासन के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. यहां आगन्तुक सभी श्रद्धालुओं के भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूरे मेला क्षेत्र में कई होल्डिंग प्वाइंट बनाये गये हैं, जहां सभी मूलभूत सुविधाएं जैसे-बिजली, पंखा, शौचालय, मोबाइल चार्जिंग, स्वास्थ्य सुविधा, स्नानागार व पेयजल सुविधाएं होंगी. इसके अलावा पूर्व की तरह गर्मी को देखते हुए पेजयल व श्रद्धालुओं के आवासन की बेहतर भी व्यवस्था की जायेगी, जिसके माध्यम से श्रद्धालुओं को गर्मी व थकान से निजात मिलेगी. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार सूचना तकनीकी को और भी सुदृढ़ किया जायेगा. आधुनिक सूचना तकनीकी व्हाट्सएप्प में अधिक से अधिक दोनों राज्यों के अधिकारियों को जोड़ा जायेगा, ताकि सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की जा सके. हॉटलाइन से चौबीसों घंटे दोनों राज्यों के आलाधिकारी जुड़े रहेंगे. इसके अलावा सीमावर्ती इलाकों में वायरलेस सिस्टम को और भी दुरूस्त किया जायेगा और वायरलेस की फ्रिक्वेंसी भी इन इलाकों में बढ़ाई जायेगी. सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान व भीड़ नियंत्रण के लिए भागलपुर, बांका के साथ आपसी समन्वय बनाकर कार्य किया जायेगा, ताकि उसके माध्यम से कांवरिया मार्ग के पल-पल की जानकारी का आदान-प्रदान होता रहे. बाहर से आने वाले छोटे बच्चे व बुजुर्ग श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उनके साथ फोन नम्बर या उनका पता उनके साथ हो यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक रूप से अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार करने की बात कही, ताकि प्रशासन को ऐसे खोये हुए श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाने में सुविधा हो.
कावंरिया मार्ग की पल-पल की मिले जानकारी
भागलपुर प्रमंडल के आयुक्त दयानिधान पांडे द्वारा कहा गया कि सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान व भीड़ नियंत्रण के लिए भागलपुर, बांका एवं मुंगेर के साथ आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाये, ताकि उसके माध्यम से कावंरिया मार्ग की पल-पल की जानकारी का आदान-प्रदान किया जा सके. अंतरराज्यीय सीमा के थानों से समन्वय किये जाने की बात बताते हुए श्रावणी मेला के दौरान सघन गश्ती एवं चेकनाका के माध्यम से सभी गतिविधियों पर नजर रखने की बात कही गयी.
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बसों की छतों पर नहीं बैठें श्रद्धालु
दुमका के उपायुक्त द्वारा बासुकीनाथ मेला से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गयी. श्रावणी मेला के दौरान होने वाली विभिन्न गतिविधियों पर चर्चा करते हुए आपसी समन्वय से मेला के सफल संचालन में योगदान करने की बात कही गयी. पूरे मेले के दौरान बिहार एवं झारखण्ड के आलाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर शांति व्यवस्था कायम रखी जायेगी. इंटर स्टेट को-ऑर्डिनेशन की बैठक के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के आग्रह पर बिहार से आने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों की छतों पर किसी भी सूरत में श्रद्धालुओं को न बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही गयी.उन्होंने सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर चलने के क्रम में कई श्रद्धालु रास्तों में पड़ने वाले जलश्रोतों में स्नान करते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं के डूबने की आशंका बनी रहती है. वैसे स्थानों पर पर्याप्त संख्या में तैराकी/गोताखोरों की तैनाती आवश्यक है.
ये थे मौजूद
बैठक में पुलिस उपमहानिरीक्षक संथाल परगना सुदर्शन मंडल, जिलाधिकारी भागलपुर सुब्रत कुमार सेन, जिलाधिकारी बांका अंशुल कुमार एवं उपायुक्त दुमका रवि शंकर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक भागलपुर बाबुराम, पुलिस अधीक्षक बांका डॉ सत्य प्रकाश, पुलिस अधीक्षक दुमका अम्बर लकड़ा, पुलिस अधीक्षक देवघर सुभाष चन्द्र जाट, पुलिस अधीक्षक गोड्डा नाथु सिंह मीणा, उप विकास आयुक्त गोड्डा, उप विकास आयुक्त देवघर, अनुमंडल पदाधिकारी देवघर व बांका, प्रशिक्षु आईएएस, नगर आयुक्त, अपर समाहर्त्त चन्द्र भूषण प्रसाद सिंह, डीआरडीए निदेशक परमेश्वर मुण्डा, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, देवघर, डीएसपी जमुई एवं संबंधित विभाग के कार्यपालक अभियंता, डीसी सैल के प्रतिनियुक्त अधिकारी, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं अन्य उपस्थित थे.