Shravani Mela: बाबा ने सब कुछ दिया, इसलिए आते हैं इनके दरबार, देवघर में कांवरियों ने बताई कांवर उठाने की कहानी
Shravani Mela: सावन के महीने में पूरा देवघर बाबा के भक्तों से गुलजार रहता है. क्यों आते हैं लोग यहां, अगर आपके मन में भी है ये सवाल, तो कांवर लेकर आने वालों से सुनिए जवाब.
Shravani Mela: सावन में एक माह तक बाबा नगरी देवघर गेरुआ वस्त्रधारी कांवरियों से गुलजार रहती है. बाबा के भक्त अटूट श्रद्धा के साथ सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर चलते हैं और करीब 100 किलोमीटर की दूरी तय करके पैदल बाबाधाम पहुंचते हैं. सालों से कांवर उठाने वाले श्रद्धालुओं ने बार-बार यहां आने की वजह बताई है.
बाबा धाम आने से मन को मिलती है शांति – जगत कुमार मिश्र
श्रद्धालुओं का कहना है कि बाबा ने सब कुछ दिया है. इसलिए उनके दरबार में बार-बार हाजिरी लगाने आते हैं. रांची के जगत कुमार मिश्र कहते हैं कि सालों से सावन के समय बाबा दरबार में कांवर चढ़ाने आ रहा हूं. यहां आने से जो मन को शांति मिलती है, उसके बारे में बयां नहीं कर सकता. जब तक शरीर में जान है, तब तक आता रहूंगा. घर में भी बच्चों को बताया है कि घर की समृद्धि के लिए मेरे बाद इस कांवर यात्रा को जारी रखना.
जब तक शरीर में रहेगी जान, तब तक आता रहूंगा – गोविंद
बिहार के फुलवारी शरीफ से कांवर लेकर बाबा धाम पहुंचे गोविंद ने कहा कि मैं तो पहली बार आया हूं. लेकिन जब तक शरीर में जान रहेगी, तब तक आऊंगा. मैंने बाबा से जो भी मांगा, वह मुझे मिला. अब ऐसा लग रहा है कि जीवन में कभी परेशानी नहीं होगी. किसी ने मेरे घर में बताया कि मन में कांवर यात्रा की मन्नत रखकर जल लेकर बाबा दरबार जाएं. यात्रा प्रारंभ होने के साथ असर दिखने लगा.
बाबा की पूजा करके लौटा और सारी परेशानी हो गई दूर – राकेश
जमशेदपुर के राकेश कुमार कहते हैं कि मैं इस दरबार में चार सालों से आ रहा हूं. इसके पहले काफी परेशान रहता था. कोई काम पूरा नहीं होता था. कांवर यात्रा में आ गया. जल भरने के साथ ही बाबा से शांति की कामना की. पूजा करके घर लौटे, दो महीने के अंदर ही सब कुछ बदल गया. सब काम ठीक से चल रहा है. अब घर से कई लोग आने लगे हैं.
बाबा दरबार में आने के बाद दूर हो गई सारी चिंता – अमित कुमार
बिहार के नवादा से कांवर लेकर आने वाले अमित कुमार सिंह ने कहा कि मै पहली बार आया हूं. मेरा कोई ऐसा काम नहीं है, जो पूरा नहीं हुआ. लेकिन, यहां आने के बाद जो चीज मिली, वो अनमोल है. मन हरदम किसी न किसी बात के लिए चिंतित रहता था. अब लग रहा है कि कोई बात ही नहीं है. सब बाबा की कृपा से ही संभव हो पाता है. बाबा की कृपा है कि जल भरकर पैदल रवाना होते ही मन की चिंता दूर हो गई.
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