Shravani Mela: दो माह तक चले श्रावणी मेले की आज अंतिम सोमवारी है. इसको लेकर रविवार की रात से ही कांवरियों की भीड़ उमड़ने लगी है. कांवरियों की बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखकर बाबा मंदिर के सभी अधिकारियों को डीसी विशाल सागर ने पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है. डीसी के निर्देश पर मंदिर प्रभारी दीपांकर चौधरी ने सोमवारी को लेकर मंदिर की तैयारियों का फीडबैक भी लिया है. मंदिर प्रभारी ने सभी कर्मियों को निर्देश दिया है कि बीते सोमवारी की तरह अलर्ट रहना है. रविवार की रात को ही बिजली, पानी एसी सहित अन्य तैयारियों को लेकर पूरी तरह से चेक करने के बाद सोमवार को जलार्पण बंद होने तक सभी लोग अपने-अपने जगहों पर तैनात रहेंगे. फोन व वाॅकी टॉकी पर एक दूसरे से टच में रहेंगे. किसी तरह की कोताही नहीं हो, इसका ध्यान रखना है.
सिविल ड्रेस में भी पुलिस प्रशासन की तैनाती
बाबा मंदिर ड्यूटी स्थल पर तैनात अधिकारियों व पुलिस बल के अलावा भक्तों के लिए पेयजल की पूरी व्यवस्था हो, इसका ख्याल रखना है. पानी समाप्त होने के पहले ही पानी का स्टॉक उपलब्ध हो यह सुनिश्चित कर लें. वहीं, बाबा मंदिर परिसर में चोर-पॉकेटमार पर नजर रखने के लिए सिविल ड्रेस में पुलिस के साथ दंडाधिकारियों को भी नजर बनाये रखना है. खासकर पार्वती मंदिर व बाह्य अरघा के आसपास नजर रखने के लिए कहा है. मंदिर परिसर में अधिक भीड़ जमा नहीं हो, इसके लिए प्रचार-प्रसार करते रहने का निर्देश दिया गया है.
बाबा मंदिर के निकास द्वार पर सीआरपीएफ के जवान रहेंगे तैनात
राजकीय श्रावणी मेला-2023 की अंतिम सोमवारी को श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को लेकर डीसी विशाल सागर ने देवघर सर्किट हाउस में बैठक की. इस बैठक में उन्होंने सोमवार व मंगलवार को होने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ के अलावा आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की. डीसी ने सीआरपीएफ, एनडीआरएफ व अग्निशमन पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बाबा मंदिर, आस-पास के क्षेत्रों, भीड़-भाड़ वाले ईलाकों व शिवगंगा सरोवर पर कड़ी निगरानी रखें. उन्होंने एनडीआरएफ के कमांडेंट को निर्देश दिया कि शिवगंगा सरोवर, शिवराम झा चौक, बाबा मंदिर के अलावा एक भ्रमणशील टीम को रूट लाइन में एक्टिव रखें. वहीं मेला क्षेत्र में चिह्नित स्थलों पर आवश्यकतानुसार एनडीआरएफ व सीआरपीएफ की महिला बटालियन को प्रतिनियुक्त करें.
सेवा भाव व शालीनता से पेश आयें पुलिसकर्मी
बैठक में डीसी ने रविवार रात, सोमवार व मंगलवार को बाबा नगरी में जलार्पण करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के इंतजामों के अलावा सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, अग्निशमन की टीम को आपसी समन्वय के साथ एक्टिव रहने का निर्देश दिया. मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त सभी दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों, केंद्रीय बल एवं पुलिस बल के जवानों को निर्देश दिया कि देवघर आने वाले श्रद्धालुओं से सेवा-भाव व शालीनता से पेश आयें. संपूर्ण मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सभी सीसीटीवी कैमरा व आइएमसीआर कंट्रोल रूम को 24 घंटे एक्टिव रखें. बैठक में डीडीसी डॉ ताराचंद, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी राजीव कुमार, जिला अग्निशमन पदाधिकारी गोपाल यादव, सीआरपीएफ व एनडीआरएफ के कमांडेंट एवं संबंधित विभाग के अधिकारी आदि मौजूद थे.
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अंतिम सोमवारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग तैयार
सावन माह की अंतिम सोमवारी पर बाबा मंदिर में जलार्पण के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधित परेशानी नहीं हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम रविवार की शाम से पूरी तरह अलर्ट पर है. साथ ही विभाग के अधिकारी रविवार की शाम से ही लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इस दौरान डिप्टी डायरेक्टर डॉ एफ कनेडिया, सीएस डॉ रंजन सिन्हा समेत विभाग के अन्य पदाधिकारी मेला क्षेत्र में संचालित स्वास्थ्य शिविरों का निरीक्षण किये. उन्होंने दुम्मा से लेकर कांवरिया रूटलाइन के सभी स्वास्थ्य शिविरों के अलावा बीएड कॉलेज, बाबा मंदिर, क्यू कॉम्प्लेक्स, जसीडीह, देवघर व बैद्यनाथधाम स्टेशन के स्वास्थ्य शिविर, जलसार पार्क, पुराना सदर अस्पताल, नेहरू पार्क, सुविधा केंद्र, कुमैठा समेत अन्य शिविरों की जांच की. साथ ही दवा, ऑक्सीजन, बेड समेत अन्य सारी व्यवस्था को देखा. इसके अलावा डाॅक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति देखी. साथ ही ड्रेस कोड में रहने को कहा. मौके पर मेला प्रभारी डॉ सिंह आलोक कुमार, डॉ मनीष शेखर, डॉ राजीव कुमार, अरुण चौधरी, तरुण तिवारी समेत अन्य कर्मी मौजूद थे.
बाबा व मां पार्वती की आरती के साथ पूरी होती है अराधना
सावन के महीने में बाबा भोलेनाथ पर गंगाजल अर्पण करने का खास महत्व है. मान्यता है कि इस महीने में बाबा को गंगाजल व बेलपत्र चढ़ाने से बाबा अपने भक्त की मनोवांछित फल की कामना को पूर्ण करते हैं. शिव पुराण में इस बात की चर्चा है. बाबा भोलेनाथ द्वारा हलाहल विष ग्रहण करने के कारण ही इनका नाम नीलकंठ पड़ा है और सावन के महीने में उनके मस्तक पर गंगाजल के अर्पण से विष की जलन से बाबा को राहत महसूस होती है. इसके कारण भी बाबा अपने भक्तों के प्रति सहज ही उपलब्ध हो जाते हैं. बाबा मंदिर में पूजा व जलार्पण करने के बाद भक्त मंदिर परिसर में बाबा व मां पार्वती की आरती कर अनुष्ठान को पूरा करते हैं. आरती करने का अर्थ अपने इष्ट देव के चरणों में अपनेआप को समर्पित करना है. मंदिर परिसर में हर ओर कांवरियों को बाबा सहित परिसर में स्थित सभी देवी देवताओं की आरती करते देखा जा सकता है.
रविवार को अपेक्षाकृत कम रही भीड़
रविवार को बाबा मंदिर में आम दिनों की अपेक्षा कम भीड़ रही, जिसके कारण सुबह पांच बजे से ही मानसरोवर ओवरब्रिज से कांवरियों को मंदिर भेजने की व्यवस्था को जारी रखा गया था. जलार्पण करने आए कांवरिये ब्रिज पर चढ़ते ही 15 मिनट के अंदर जलार्पण कर बाहर निकलते दिखे. इससे पहले रविवार को बाबा मंदिर का पट सुबह 03:05 बजे खुला. मां काली मंदिर में पूजा संपन्न होने के बाद पुजारी राकेश झा ने चली आ रही परंपरा के अनुसार कांचाजल पूजा की. इसके बाद षोड्शोपचार विधि से बाबा की दैनिक सरदारी पूजा संपन्न की गयी. इस पूजा में बाबा को दुग्धाभिषेक करने के पश्चात अन्य पूजा सामग्री अर्पित कर भोग चढ़ाकर 03:58 बजे अरघा लगने के बाद आम कांवरियों के लिए जलार्पण प्रारंभ कराया.
नगर आयुक्त ने मेला क्षेत्र में व्यवस्था का लिया जायजा
नगर आयुक्त शैलेंद्र कुमार लाल ने रविवार को मेला क्षेत्र का भ्रमण कर व्यवस्था का जायजा लिया. वे सबसे पहले पं शिवराम झा चौक पहुंचे तथा सफाई, लाइट, पानी की व्यवस्था देखी. इसके बाद मानसरोवर तट के दक्षिण दिशा से होते हुए शिवगंगा तट पहुंचे. वहां से नेहरू पार्क, भुरभुरा मोड़, रांगा मोड़ होते हुए अंतरराज्यीय बस अड्डा पहुंचे. इस दौरान दोनों सफाई एजेंसियों को सफाई में पूरा ध्यान देने को कहा तथा शिकायत मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी. मौके पर कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार सिंह, एइ वैदेही शरण, जेइ मुकुल कुमार, सिटी मैनेजर सुधांशु शेखर, मृणाल कुमार, वरीय सफाई निरीक्षक अजय कुमार, वार्ड जमादार मनीष भारद्वाज, सहायक विद्युत प्रभारी कुणाल खवाड़े आदि थे.
प्रतिबंध के बाद भी मंदिर परिसर में हो रहा पॉलिथीन का उपयोग
बाबा मंदिर में पॉलिथीन व थर्मोकोल का उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रही है. मंदिर परिसर में स्थित पूजा सामग्रियों की दुकान में प्रसाद का पैकेट पॉलिथीन में ही पैक कर बेचा जा रहा है. प्रशासन की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. दरअसल, तत्कालीन उपायुक्त ने मंदिर परिसर में पॉलिथीन व थर्मोकोल प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर आदेश भी जारी कर दिया था. साथ ही जागरुकता के लिए तथा मिट्टी के जलपात्र, पत्तल, दोना आदि के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सखी मंडल का एक स्टॉल मंदिर के वीआइपी गेट पर खुलवाया गया है. साथ ही मंदिर में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को भी इसका खास ध्यान रखने का निर्देश दिया था. बावजूद, मंदिर परिसर के अंदर प्लास्टिक का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है. बाबा मंदिर में हर दिन भारी मात्रा में पॉलिथीन का उपयोग होने के कारण बरसात के समय इसके कारण नाला जाम हो जा रहा है. वहीं हर दिन कचरे में भारी मात्रा में पॉलिथीन निकलने से शहर में घूम रहे आवारा पशु भी प्लास्टिक को खाकर कर बीमार हो रहे हैं.
जामा विधायक सीता सोरेन ने बाबा मंदिर में की पूजा
झामुमो की जामा विधायक सीता सोरेन रविवार को बाबा मंदिर पहुंची. उन्होंने बाबा भोलेनाथ की षोड्शोपचार विधि से पूजा की. सुबह करीब 10 बजे बाबा मंदिर पहुंचने पर विधायक को मंदिर परिसर स्थित प्रशासनिक भवन ले जाया गया, जहां उनके पुश्तैनी पुरोहित झारखंडी मठपति ने पूजा करायी. इसके बाद शीघ्रदर्शनम कूपन के माध्यम से अरघा के माध्यम से बाबा पर जलार्पण की. उन्होंने मां पार्वती, मां बगला, मां काली सहित अन्य मंदिरों में भी पूजा की. विधायक सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड में रहने वाले सभी की सुख-समृद्धि की कामना की तथा राज्य की प्रगति की कामना बाबा बैद्यनाथ से की. मौके पर झामुमो केंद्रीय सदस्य सह हिंदू न्यास बोर्ड के सदस्य अजय नारायण मिश्रा, मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त, सुरेश साह, अंग्रेज दास आदि मौजूद थे.
भोजपुरी गायक ने बाबा मंदिर में की पूजा
भोजपुरी गायक व कलाकार गुंजन सिंह रविवार को बाबा मंदिर की पूजा की. उन्होंने कहा कि बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए पहला गाना 2010 में बाबा मत्था पर हथवा कब रखबो… गया था. अब लोकसभा चुनाव में नवादा से किस्मत आजमाने से पहले बाबा का आशीर्वाद लेने आये हैं. उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 1200 गाना गा चुके हैं. वहीं, बतौर हीरो 10 फिल्मों में कम कर चुके हैं. अभी कुछ फिल्में आने वाली हैं.