Deoghar News : सत्य ही जीवन का आधार है : मनुश्री महाराज

श्याम कीर्तन मंडल में श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है. इसके चौथे दिन कथावाचक मनुश्री जी महाराज ने कहा कि भगवान शिव का नाम ही सत्य है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 10, 2024 9:08 PM

संवाददाता, देवघर : श्याम कीर्तन मंडल में श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है. इसके चौथे दिन कथावाचक मनुश्री जी महाराज ने कहा कि भगवान शिव का नाम ही सत्य है. सत्यम शिवम सुंदरम भगवान शिव की उपासना करते हैं. जो व्यक्ति सत्य की उपासना करता है, उनकी शिव की उपासना हो जाती है. इसलिए हर जीवात्मा को सत्य का आश्रय लेकर भगवान शिव का भजन करना चाहिए. भगवान शिव की पूजा व ध्यान करना चाहिए. सत्य ईश्वर है. सत्य ही शिव है. सत्य ही जीवन का आधार है. महाराज श्री ने कहा कि जब सर्वप्रथम अग्नि स्तंभ दिव्य ज्योति के रूप में शिवलिंग अरुणाचल में प्रकट हुआ था, तब शिवलिंग क्यों प्रकट हुआ इसकी भी पौराणिक कथा है. उन्होंने कहा कि एक बार छह कुल के ऋषियों का आपस में विवाद हो गया कि कौन बड़ा है. यह विवाद भगवान ब्रह्मा व विष्णु तक पहुंच गया. इसे लेकर ब्रह्मा व विष्णु भी आपस में झगड़ गये. इसके बाद भगवान शिव का दिव्य अग्नि स्तंभ के रूप में शिवलिंग प्रकट हुआ. शिवलिंग से दिव्य आवाज आयी और कहा जो इसका लिंग के छोर का पता लगा लेगा वही बड़ा होगा. ब्रह्मा जी और विष्णु जी छोर का पता लगाने के लिए गये, लेकिन भगवान विष्णु छोर का पता नहीं लगा पाये. वहीं ब्रह्मा जी ने आकर झूठ कह दिया कि मैंने छोर का पता लगा लिया और केतकी फूल से झूठी गवाही दिला दी. ब्रह्मा जी असत्य का सहारा लिया, तो भगवान शिव क्रोधित हो गये. इसके बाद भगवान ब्रह्मा का जो पांचवा शीश था उसे काट डाला और भगवान ब्रह्मा से कहा कि पूरी दुनिया में केवल आपका एक ही मंदिर बनेगा. ब्रह्मा जी का पुष्कर में एक ही मंदिर है और भगवान विष्णु ने सच बोला है इसलिए भगवान विष्णु की जगह-जगह पूजा होगी और भगवान विष्णु और हम दोनों स्वयं सदैव साथ रहेंगे. वहीं केतकी पुष्प को भगवान शिव ने श्राप दिया कि आज के बाद तुम कभी मेरे ऊपर नहीं चढ़ोगे, इसलिए कभी भी जीवन में असत्य का सहारा नहीं लेना चाहिए. सारी सृष्टि शिवमय है भगवान शिव में समाई हुई है, इसलिए जो जीवात्मा भगवान शिव का पूजन कर लेती है उनको सभी देवों का पूजन करने का फल प्राप्त हो जाता है. शिव के मंदिर में नित्य दीपदान करना चाहिए. इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही प्रतिदिन भगवान शिव की पार्थिव शिवलिंग बनाकर भी पूजा करनी चाहिए.

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