संवाददाता, देवघर : रविवार को श्याम कीर्तन मंडल के सभागार में मनुश्री जी महाराज के श्रीमुख से द्वितीय दिवस की श्री शिव महापुराण कथा प्रारंभ की गयी. कथावाचक मनुश्री जी महाराज ने कहा कि जिसने सर्वस्व दे दिया, वही अमर है. त्याग में बड़ा आनंद है. देवताओं ने अमृत पिया, इसलिए वह देव कहलाये और भगवान शिव ने विष पिया, इसलिए वे महादेव कहलाये. केवल एक लोटा जल भगवान शिव को प्रतिदिन चढ़ाने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं. जो व्यक्ति शिव का नाम लेता है, उसका कल्याण हो जाता है इसलिए हर जीव को भगवान शिव का नाम सदैव लेते रहना चाहिए. कथावाचक ने कहा कि बिंदुग और उनकी पत्नी दोनों ने भगवान शिव की कथा सुनकर भगवान शिव का परम शाश्वत धाम प्राप्त कर लिया. उन्होंने बताया कि कलयुग अवतारी बाबा श्री श्याम को जो भी शक्तियां मिली है, भगवान शिव और शक्ति की आराधना से प्राप्त हुई है. वीर बरबरीक ने भगवान शिव और पार्वती जी का पूजन करके ही समस्त सिद्धियां व तीन बाण प्राप्त किये. कलयुग में जो व्यक्ति भगवान शिव का नाम लेता है, भगवान शिव का स्मरण करता है, भगवान शिव का पूजन करता है, उसके सभी पापों का क्षय होता है और जीव भगवान शिव के चरणों में जाकर मुक्ति पा जाते हैं. राम कथा सुनने से राग होगा, श्री कृष्ण कथा सुनने से अनुराग होगा, लेकिन महादेव की कथा सुनने से जीव को वैराग्य हो जायेगा. भगवान शिव वैराग्य के देव हैं. भगवान शिव श्मशानों में रहते हैं, जहां सम भाव जागे वही श्मशान है और जीव का अंतिम ठिकाना भगवान शिव की शरण में है. हर पल भगवान शिव की पूजन-अर्चन वंदन जीवात्मा को करना चाहिए. मार्कंडेय ने अपने जीवन में भगवान शिव की पूजा करके चिरंजीवी होने तक का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया. कथा के दौरान श्री श्याम कीर्तन मंडल के सदस्य, महिला समिति की सदस्याओं समेत महावीर प्रसाद शर्मा, विनोद कुमार सुल्तानिया, ताराचंद जैन, प्रमोद छाछरिया, अशोक सर्राफ, नंदकिशोर शर्मा, रोहित सुल्तानिया, ललित शर्मा, अनिल शर्मा, सीमा अग्रवाल आदि लगे रहे.
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