देवघर : जिले के देवीपुर थाना क्षेत्र स्थित राजपुरा गांव में निर्माणाधीन सैप्टिक टैंक के अंदर बारी-बारी से घुसे छह लोगों की मौत हो गयी. बताया जाता है कि सैप्टिक टैंक से जहरीली गैस के रिसाव से सभी का दम घुट गया. मरनेवालों में एक ही परिवार के तीन मिस्त्री कोल्हाडिया गांव निवासी गोविंद मांझी (50) व उसके दो पुत्र बबलू मांझी (30) व लालू मांझी (25), एक मजदूर पिरहाकट्टा गांव निवासी लीलू मुर्मू (27) और एक ही परिवार के दो भाई ब्रजेश चंद्र वर्णवाल (50) व मिथिलेश चंद्र वर्णवाल (44) शामिल हैं. सैप्टिक टैंक का निर्माण ब्रजेश चंद्र के घर पर ही हो रहा था. रविवार सुबह करीब 9:30 बजे हुए इस हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गयी. सूचना मिलने के बाद ब्रजेश चंद्र के घर लोगों की भीड़ जुट गयी.
12 फीट तक गहरा था टैंक : बताया जाता है कि करीब 10-12 फीट गहरे निर्माणाधीन सैप्टिक टैंक के दोनों ढक्कन बंद थे. सुबह करीब 9:30 बजे मिस्त्री-मजदूर पहुंचे. इसका सेंट्रिंग खोला जाना था. इसके लिए टैंक का ढक्कन हटाकर मजदूर लीलू अंदर उतरा. उसके नीचे उतरने के बाद अंदर से कोई गतिविधि नहीं हुई. इससे बाहर मौजूद सभी लोग परेशान हो गये. लीलू को आवाज देते मिस्त्री बबलू टैंक के नीचे उतर गया. पर उसकी ओर से भी कोई गतिविधि नहीं होने पर उसके पिता ठेकेदार गोविंद टैंक के अंदर चले गये. वह भी वहीं रह गये.
कोई हलचल नहीं होने पर गृहस्वामी ब्रजेश वर्णवाल भी टैंक के अंदर देखने गये और नीचे उतरते ही उनकी भी आवाज आनी बंद हो गयी. इसके बाद भैया -भैया चिल्लाते हुए मिथिलेश भी टैंक के अंदर उतर गया. वहां मौजूद लोगों ने मिथिलेश को टैंक में उतरने से रोका भी, लेकिन उसने किसी की बात नहीं मानी. अंत में गणेश का दूसरा पुत्र लालू भी टैंक में उतरा, तो वह भी अंदर ही रह गया.
मच गयी अफरा-तफरी : किसी के बाहर नहीं निकलने के बाद अफरा-तफरी मच गयी. चीख पुकार शुरू हो गया. मौके पर मौजूद लोग हल्ला मचाने लगे. शोर सुन कर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे. मामले की सूचना पुलिस को दी गयी. सूचना मिलते ही देवीपुर थाना प्रभारी करुणा सिंह सहित एएसआइ शंभू नाथ शर्मा, सफुद्दीन पुलिस बलों के साथ मौके पर पहुंचे. आनन-फानन में जेसीबी मंगाया गया. इसके बाद टंकी तोड़ कर सभी को बाहर निकाला गया. इलाज के लिए सभी को देवघर सदर अस्पताल लाया गया. पर यहां मौजूद ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने सभी को मृत घोषित कर दिया.
कोल्हाडिया, राजपुरा और पिरहाकट्टा गांव में पसरा मातम
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सूचना पाकर पुलिस पहुंची, जेसीबी मंगाकर टंकी तोड़कर निकाला गया सभी को
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आनन-फानन में लाया गया सदर अस्पताल, डॉक्टर ने किया मृत घोषित
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ब्रजेश चंद्र वर्णवाल के घर में बन रहा था टैंक, सेंट्रिंग खोलने उतरा था मजदूर
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डीसी कमलेश्वर प्रसाद सिंह पहुंचे सदर अस्पताल, मृतक के परिजनों को दी सांत्वना
इनकी गयी जान
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मृतकों में एक ही परिवार के पिता और दो बेटे : कोल्हाडिया गांव निवासी गोविंद मांझी व उसके दो पुत्र बबलू मांझी व लालू मांझी
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एक ही परिवार के दो भाई की भी मौत : गृह स्वामी ब्रजेश चंद्र वर्णवाल व मिथिलेश चंद्र वर्णवाल
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सबसे पहले उतरा था मजदूर : पिरहाकट्टा गांव निवासी लीलू मुर्मू
सभी को निकालने में डेढ़ घंटे लग गये
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सैप्टिक टैंक में गये सभी छह लोगों को निकालने में करीब डेढ़ घंटे का वक्त लग गया. लोगों का कहना है कि अगर समय पर एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया होता, तो टंकी के अंदर से इनलोगों को जल्दी निकाला जा सकता था.
बरती जानी चाहिए थी सावधानी
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बंद सेप्टिक टैंक या अन्य कोई भी जगह पर जाने से पहले ऑक्सीजन की मात्रा अवश्य रूप से जांच कर लेनी चाहिए
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इसके लिए जलती हुई मोमबत्ती का प्रयोग करना चाहिए. मोमबत्ती अगर बुझ गयी, तो निश्चित तौर पर टैंक में ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम है
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इस परिस्थिति में टैंक में उतरना नहीं चाहिए. इससे दम घुटने की आशंका रहती है
घटना की जांच सीओ को, बीपीएल परिवार को सरकारी सहायता : डीसी – डीसी कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि घटना बहुत दुखद है. घटना की जांच देवीपुर सीओ करेंगे और रिपोर्ट देंगे. जहां तक सरकारी सहायता की बात है, तो मृतकों में एक आदिवासी मजदूर है, इसके अलावा जो भी गरीबी रेखा से नीचे होंगे, उनके परिजनों को सरकारी नियम के अनुसार सहायता दी जायेगी. डीसी ने कहा कि सभी मजदूर के घर 10-10 किलो अनाज दे दिया गया है. उन्होंने सीओ को निर्देश दिया कि यदि ऐसा कोई प्रावधान हो कि इन्हें किसी प्रकार की मुआवजा या सहायता राशि प्रदान की जा सकती हो तो मुहैया करवायें.
सभी मृतकों के परिजनों को निजी खर्च से आर्थिक मदद : सांसद- मामले में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने गहरा दुख व्यक्त किया है. कहा कि मातम के क्षण में मृतकों के परिजनों के साथ पूरी संवेदना है. सभी मृतकों के परिजनों को मैं अपने व्यक्तिगत खर्च से आर्थिक मदद करूंगा. मृतकों में सभी गरीब परिवार के हैं. भाजपा जात-पात का राजनीति नहीं करती है. सभी छह मृतकों के परिजनों को निजी खर्च से आर्थिक मदद की जायेगी.
दो गांवों में है शोक का माहौल : घटना से देवीपुर सहित कल्होडिया व पिरहाकटा गांव में शोक का माहौल है. मामले की जानकारी होते ही मृतकों के परिजन, रिश्तेदार सहित काफी संख्या में लोग सदर अस्पताल पहुंचे. इधर, डॉक्टर की सूचना पर बैद्यनाथधाम ओपी प्रभारी एसआइ मिथिलेश प्रसाद सिंह ने मृतकों के शवों का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. सदर अस्पताल के डॉ दिवाकर पासवान ने मृतकों के शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा.
अस्पताल पहुंचे डीसी : मामले की जानकारी पाकर डीसी कमलेश्वर प्रसाद सिंह सदर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने घटना को दर्दनाक हादसा बताते हुए पुलिस को मृतकों का पंचनामा करने व डॉक्टर को पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया. देवीपुर सीओ सुनील कुमार सिंह को प्रावधान के तहत मृतक मिस्त्री-मजदूर को तत्काल मुआवजा दिलाने का निर्देश दिया.
एनडीआरएफ की टीम ने की जांच, निकाली गयी जहरीली गैस : उपायुक्त के निर्देश के बाद निरीक्षक ओपी गोस्वामी के नेतृत्व में एनडीआरएफ टीम ने सेप्टिक टैंक की जांच की. टैंक में गैस के बढ़े दबाव को कम करने के लिए एनडीआरएफ टीम द्वारा सेप्टिक टैंक से स्मोक वेंटिलेटर के माध्यम से जहरीली गैस को निकाला गया. सुरक्षात्मक उपकरणाें का प्रयोग करते हुए उक्त टैंक में गैस के प्रभाव को खत्म कर उसे सुरक्षित किया गया.
Post by : Pritish Sahay