देवघर : लोकसभा में सोमवार को गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने केंद्र सरकार के फंड से गोड्डा संसदीय क्षेत्र में भवन बनकर तैयार होने के बाद भी पढ़ाई शुरू नहीं करने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेवार ठहराया. सांसद डॉ दुबे ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से जवाब देने का आग्रह किया. सांसद डॉ दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने संस्थानों के लिए 4000 करोड़ रुपये मुहैया करायी है, जिसमें धनबाद का आइएसएम व रांची का आइआइएम ठीक चल रहा है. लेकिन मंत्रालय से जो 95 शिक्षण संस्थानों की सूची मिली है उसमें गोड्डा संसदीय क्षेत्र के 15 ऐसे संस्थानों की सूची है, जिसमें केंद्र से पैसा देने के बाद भी राज्य सरकार के कारण चालू नहीं हो पाये हैं. गोड्डा में प्रोफेशनल कोर्स के लिए 25 करोड़ रुपये दिये, गोड्डा इंजीनियरिंग कॉलेज का भवन दो वर्ष पहले ही तैयार हो गया व देवघर में तीन साल पहले ही फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट बनकर तैयार है. इन संस्थानों में पढ़ाई चालू नहीं हो पायी है.
राज्य सरकार को भारत सरकार भवन बनाकर सौंप देती है, लेकिन राज्य सरकार की अकर्मण्यता के कारण ये सभी संस्थान चालू नहीं हो पाये हैं. ऐसे में उच्च शिक्षा में महिला व पुरुषों के बीच अंतर को कैसे कम कर पायेंगे. सांसद डॉ दुबे के प्रश्न पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने कहा कि राज्य सरकार की स्थिति यह है कि केंद्र द्वारा मुहैया करायी गयी राशि भी समय पर खर्च नहीं हो पा रही है. राज्य के पास 40.88 करोड़ रुपये पड़े हैं, यह मामला केंद्र के संज्ञान में है. उन्होंने सांसद डॉ दुबे को आश्वस्त करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में महिला व पुरुषों के बीच अंतर को कम करने की दिशा में मंत्रालय गंभीर है.