संवाददाता, देवघर. भवन निर्माण निगम ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर कॉरिडोर की डीपीआर बनाने वाली छत्तीसगढ़ की राजहंस कंसल्टेंट कंपनी को प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है. पहले चरण में कंसल्टेंट कंपनी एक्सपर्ट आर्किटेक्ट कॉरिडोर एरिया का सर्वे कर प्लॉन बनायेगी. कंसल्टटेंट कंपनी के निदेशक व भवन निर्माण निगम के अधिकारियों के बीच बातचीत हो चुकी है. प्रस्तावित कॉरिडोर एरिया में सर्वे करने से पहले भवन निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता व राजहंस कंसल्टेंट कंपनी के अधिकारी डीसी से मिलकर मार्गदर्शन मांगेंगे. डीसी को प्रस्तावित डिजाइन से अवगत कराया जायेगा, उसके बाद ही एरिया का सर्वे शुरू होगा. सूत्रों के अनुसार कॉरिडोर प्लॉन में शिवगंगा व मानसरोवर से मंदिर प्रवेश द्वार तक कितनी चौड़ी सड़क होगी, इसका सर्वे प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा. चौड़ी सड़क में कितनी जगहें खाली हैं, कितने कॉमर्शियल मकान, आवासीय भवन व दुकान है, इसका सर्वे डोर टू डोर किया जायेगा. इसके साथ ही कॉरिडोर में प्रवेश के बाद निकास का भी सर्वे किया जायेगा. कॉरिडोर का एप्रोच रोड को भी चिह्नित किया जायेगा. बैद्यनाथ कॉरिडोर में किस स्थान पर वैदिक केंद्र, संस्कार भवन, उपनयन भवन, दुकानें व सुविधा केंद्र बनाये जायेंगे, उस जगह को भी चिह्नित किया जायेगा.
मंदिर के आसपास खाली जगह को लेकर बनाया जा सकता है लैंड बैंक
बताया जाता है कि सर्वे में मंदिर के आसपास खाली जगह का एक लैंड बैंक बनाया जा सकता है, जिसे कॉरिडोर में अटैच कर उपयोग में लाया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार भवन निर्माण निगम की देखरेख में कंसल्टेंट कंपनी द्वारा डीपीआर तैयार किये जाने के बाद पर्यटन विभाग को इसे सौंप दिया जायेगा, जिसके बाद राज्य सरकार के स्तर से इस पर निर्णय लिये जायेंगे. निर्णय के बाद ही कोई प्रक्रिया आगे बढ़ायी जा सकती है. करीब 900 करोड़ रुपये के इस प्रस्ताव में 300 करोड़ रुपये जमीन, मकान, दुकान व अन्य कॉमर्शियल संपत्ति के मुआवजे के भुगतान पर खर्च होंगे. वहीं शेष 600 करोड़ रुपये निर्माण कार्य में खर्च करने की तैयारी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
चुनाव की वजह से बैद्यनाथ कॉरिडोर का डीपीआर बनाने के लिए नियुक्त राजहंस कंसल्टेंट कंपनी की कोई गतिविधि अभी आगे नहीं बढ़ पायी थी. कंसल्टेंट कंपनी पहले चरण में एरिया का सर्वे कर बैद्यनाथ कॉरिडोर का प्लॉन बनायेगी, लेकिन सारी प्रक्रिया उपायुक्त से अनुमति मिलने के बाद ही आगे बढ़ेगी. कंपनी के कोई अधिकारी अभी देवघर नहीं आये हैं. अभी इस मामले में अभी काफी देर है. प्रक्रिया बढ़ने पर जानकारी दी जायेगी.
– बीके कुशवाहा, कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण निगम, देवघर
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